मनोज तिवारी ने केजरीवाल को कैसे हराया ?

चुनावी नतीजों के बाद आम आदमी पार्टी में घमासान मचा है.लेकिन केजरीवाल समेत पार्टी के बड़े नेता अभी भी ईवीएम का राग अलाप रहे हैं. सच-झूठ की पड़ताल के लिए आपको लिए चलते हैं सीधे दिल्ली की जनता के बीच और ये जानने की कोशिश करते हैं कि इन आरोपों में कितना दम है.

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मनोज तिवारी ने केजरीवाल को कैसे हराया ?

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  • April 26, 2017 5:32 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली: चुनावी नतीजों के बाद आम आदमी पार्टी में घमासान मचा है.लेकिन केजरीवाल समेत पार्टी के बड़े नेता अभी भी ईवीएम का राग अलाप रहे हैं. सच-झूठ की पड़ताल के लिए आपको लिए चलते हैं सीधे दिल्ली की जनता के बीच और ये जानने की कोशिश करते हैं कि इन आरोपों में कितना दम है.
 
आपने देखा एक तरफ दिल्ली में आम आदमी पार्टी के भीतर घमासान मचा है. वहीं दूसरी तरफ बीजेपी में जश्न है. हालांकि पार्टी ने सुकमा हमले की वजह से जश्न से किनारा किए रखा. लेकिन इस जश्न के असली हकदार मनोज तिवारी है.जिन्होंने बीजेपी को 2 साल में दिल्ली की राजनीति में फिर से ला खड़ा किया.
 
MCD चुनाव के बाद ये तस्वीर दिल्ली में चर्चा का विषय है. बांयी तरफ केजरीवाल का वो जश्न है. जो 2015 की महाजीत के बाद उन्होंने मनाई थी. 70 में से 67 सीटें जब जीते थे .लेकिन दाहिनी तरफ वाली तस्वीर आज की है. सिर्फ दो साल बाद केजरीवाल के दरवाजे बंद हैं.जीत की जगह मातमी सन्नाटा है.
 
दिल्ली में केजरीवाल की ये हालत होगी ऐसा शायद ही किसी ने सोचा होगा. लेकिन हकीकत यही है और आज अगर केजरीवाल दिल्ली की नजर में नायक नहीं हैं तो जो चेहरा दिल्ली वालों के बीच नए नायक के तौर पर उभरा है वो हैं मनोज तिवारी. जिन्होंने भाजपा को एक बार फिर दिल्ली वालों के दिल में उतार दिया.
 
अब बड़ा सवाल आपके सामने दो है पहला ये कि केजरीवाल की ये हालत क्यों हुई. और दूसरा सवाल ये कि बिहार से आकर कैसे मनोज तिवारी दिल्ली के हीरो बन गए. पहले  केजरीवाल के सवाल पर आते हैं.सिर्फ दो साल पहले 70 में से 67 सीटें जीत लेने वाली केजरीवाल की आम आदमी पार्टी की हालत ये हो गई है कि अगर आज दिल्ली में विधानसभा का उपचुनाव हो तो उसके खाते में मुश्किल से 10 सीटें आएंगी.
 
वो भी कड़ी टक्कर के बाद ऐसा क्यों दरअसल इसके पीछे पूरी योजना मोदी-शाह की रही है. इसे दिल्ली की सियासी जमीन पर उतारा मनोज तिवारी ने वो तिवारी जो भोजपुरी गायक से अभिनेता बने और आज की तारीख में दिल्ली में केजरीवाल जैसे रणनीतिकार तो घूल चटा देने वाले नेता.
 
दिल्ली पर सिर्फ दो साल में छा गए. मनोज तिवारी के ऐसे गाने एक दो नहीं दर्जनों हैं. एक साधारण परिवार का ऐसा लड़का. जिसमें दिल्ली में पूर्वांचल के रहने वाले 50  फीसदी लोगों ने अपना चेहरा देखा अपने संघर्ष की कहानी देखी. 
 

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