नई दिल्ली: हिंदुस्तान का एक चीता जिसने पाकिस्तान को पानी पिला दिया और उसके दहशतगर्दों को खौफ में डाल दिया. आज हम बात कर रहे हैं सीआरपीएफ के जांबाज कमांडेंट चेतन कुमार चीता की. जो पूरे 50 दिन तक कोमा में रहे.उनका जिस्म गोलियों से छलनी था.
बंदूक की गोली उनके सिर को चीरती हुई निकल गई थी.शरीर का ऊपरी हिस्सा बेकार हो चुका था. लेकिन डॉक्टरों की दिन रात की मेहनत और करोड़ों लोगों की दुआओं का असर हुआ.और अब ये चीता खतरे से बाहर आ चुका है. आगे बढ़ने से पहले आपको ये बताते हैं कि चेतन चीता को 9 गोलियां कहां-कहां लगीं.
पहली गोली देखिए यहां दांयी आंख में लगी. ये गोली ठीक उनके दांयी आंखं के नीचे लगी और जबड़े को चीरती हुई निकल गई. इस गोली को डॉक्टरों ने ऑपरेट करके निकाल दिया. इसी गोली की वजह से चेतन चीता की एक आंख चली गई. दूसरी आंख भी खतरे से पूरी तरह बाहर नहीं है.
इसी गोली की वजह से दिमाग के दाहिने हिस्से में हैमरेज भी था. जिसका सफल ऑपरेशन हो चुका है. अब देखिए दूसरी गोली कहां लगी. दो गोली एक साथ फ्रैक्शन ऑफ सेकंड के अतंराल पर दोनों हाथ में लगी. हड्डियों में फ्रैक्चर है. इन्फेक्शन फैसले का खतरा था. इसके बाद दो गोली पेट में लगी.
एक गोली से रैक्टम डैमेज हो गया. जिसके लिए श्रीनगर में ही कौलेस्टॉमी की जा चुकी है. पेट में अभी घाव कुछ हद तक बना हुआ है. दो गोली दोनों कूल्हे की हड्डियों के बीच लगी. गहरा घाव है. इसी चोट की वजह से उन्हें खड़े होने में दिक्कत है. दो और गोली दोनों जांघो में लगी. जिसकी वजह से हड्डियों में फ्रैक्चर है.
चेतन कुमार चीता की दिलेरी ने पाकिस्तान और उसके आतंकियों को दहशत में डाल दिया है. कमांडेंट चीता का ट्रांसफर हाल ही में दिल्ली से जम्मू-कश्मीर हुआ था. तभी से वो न चला रहे थे. फरवरी महीने में एक सर्च ऑपरेशन के दौरान लश्कर के आतंकियों ने उनपर जानलेवा हमला किया था जिसके बाद से दिल्ली के एम्स में चीता का इलाज चल रहा था.
यही वो दिन था जब सीआरपीएफ के 45वीं बटालियन के कमांडेंट चेतन कुमार चीता को खबर मिली कि बांदीपुरी के खान मोहल्ला में कुछ आतंकी छिपे हुए हैं जो किसी बड़े हमले को अंजाम देने की फिराक में हैं. खबर मिलते ही चीता फौरन ऐक्शन में आए. और कुछ जवानों को साथ लेकर मौके के लिए रवाना हो गए.लेकिन आतंकियों को पहले ही उनके आने की भनक लग गई.
वे अपना ठिकाना बदल कर हाजिन एरिया में जा पहुंचे पर कमांडेंट चीता भी आतंकियों को ढूंढते हुए उनके पास पहुंच गए.वो अपनी टुकड़ी को सबसे अगली कतार में लीड कर रहे थे.खतरा सामने देख आतंकियों ने अचानक चीता पर धुआंधार फायरिंग शुरू कर दी.