नई दिल्ली: जमीन पर बैठे योगी आदित्यनाथ उनके सामने कांसे की एक बड़ी थाल उसके बांयी तरफ कलश में रखा गंगाजल. कलश के ठीक बगल में चंदन की कियौरी. यानी जिसमें रोड़ी और चंदन का लेप रखा जाता है वो बर्तन .और अब देखिए सामने खड़ी करीब पांच साल की ये बच्ची.
योगी के सामने थाल में आकर ये बच्ची खड़ी हो जाती है. और उसके बाद खुद मुख्यमंत्री अपने हाथ से गंगाजल लेते हैं और इस बच्ची का पांव पखारते हैं. फिर उसके गले में ताजे फूलों की माला डालते हैं. फिर उसके कंधे पर माता रानी वाली चुनरी रखते हैं. और फिर एक लिफाफा थमाते हैं.
दरअसल ये कन्या पूजन है. हिंदू विधि विधान में इसका महत्व बहुत ज्यादा होता है. नवरात्र और रामनवमी के मौके पर इसे तीन तरीके से किया जाता है. जिसका फल भी अलग-अलग होता है. कहते हैं कि जितना फल पूरे विधि विधान से नवरात्र की पूजा करने पर मिलता है उससे कहीं ज्यादा अकेले इस कन्या पूजन से.
कैसे अब योगी आदित्यनाथ के सामने दूसरी कन्या खड़ी है . सफेद फ्रॉक में योगी आदित्यनाथ फिर से वही रस्में निभाते हैं . पहले थाल में खड़ी कन्या का पांव पखारते हैं. फिर उसे चंदन करते हैं. फिर फूलों की माला पहनाते हैं. फिर उसके कंधे पर माता रानी वाली चुनरी डालते हैं. और हाथ में लिफाफा.
बता दें कि योगी आदित्यनाथ तो योगी हैं. उनका कोई अपना परिवार नहीं. उनका परिवार अब उनकी प्रजा है. 22 करोड़ लोग हैं लिहाजा वो सालों से इस तरह की पूजा अपने लोगों की सुख-समृद्धि और यश के लिए करते रहे हैं.
अपने नाथ संप्रदाय के प्रचार-प्रसार के लिए भी करते रहे हैं. लेकिन उनके सीएम बनने के बाद गोरखपुर में उनके समर्थक ऐसा मान रहे थे कि शायद मुख्यमंत्री के तौर पर योगी आदित्यनाथ के लिए नवरात्र विधि-विधान से करना मुश्किल हो. लेकिन योगी ने तमाम व्यस्तता के बावजूद अपने पूजा-पाठ के लिए समय निकाल ही लिया. और वो भी पूरे विधि विधान के साथ.