Advertisement

WAR ROOM: पुतिन-ट्रंप हैं आतंकवाद के सख्त खिलाफ

20 जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी. और इस शपथ के साथ ही उनके हाथ बेपनाह ताकत लग गई. इतनी ताकत जिसने उन्हें दुनिया का सबसे ताकतवर शख्स बना दिया. आज ट्रंप उस मुकाम पर खड़े हैं.

Advertisement
  • February 11, 2017 5:32 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली: 20 जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी. और इस शपथ के साथ ही उनके हाथ बेपनाह ताकत लग गई. इतनी ताकत जिसने उन्हें दुनिया का सबसे ताकतवर शख्स बना दिया. आज ट्रंप उस मुकाम पर खड़े हैं.
 
जहां से एक इशारा कर वो दुनिया के किसी भी कोने में हलचल पैदा कर सकते हैं. इस खास पेशकश में हम आपको ट्रंप की वो ताकत दिखायेंगे. जिसने कई मुल्कों की नींद उड़ा दी है. और आतंकी संगठनों की जड़े हिल रही हैं. ओबामा के रहते भले ही अमेरिका और रूस के रिश्ते परवान ना चढ सके हों. लेकिन ट्रंप किसी भी सूरत में रूस के साथ दोस्ती चाहते हैं.
 
इस दोस्ती का सीधा मतलब है आधी दुनिया एक तरफ और रूस-अमेरिका एक तरफ. पुतिन और ट्रंप एक दूसरे की तारीफ भी कई बार कर चुके हैं. अगर दोनों मुल्क साथ आए तो सबसे घातक वार आतंकवाद पर होगा. क्योंकि ट्रंप और पुतिन दोनों ही आतंक के खिलाफ हैं.
 
डोनाल्ड ट्रंप को अमेरिका के राष्ट्रपति बने एक महीना भी नहीं हुआ है. लेकिन अपने बेबाक अंदाज और सख्त फैसलों से आधी दुनिया को हिलाकर रख दिया. ट्रंप ने सबसे बड़ा झटका 7 मुस्लिम देशों को दिया. तो वहीं आइसिस के खिलाफ आर्मी को 30 दिन के अंदर पुख्ता रणनीति बनाने का आदेश देकर सबको चौंका दिया. जानकार तो मान रहे हैं कि आने वाले वक्त में ट्रंप कुछ और सख्त फैसले ले सकते हैं.
 

Tags

Advertisement