नई दिल्ली: जिसके शौर्य और वीर की झलक ने दुनिया को सहमा दिया. दुनिया की चौथी बड़ी ताकत क्यों है हिन्दुस्तान ये राजपथ पर दिखा. परेड और झांकी से आगे सैन्य ताकतों के दम-खम में. इस दफे पहली बार कई ऐसी सैन्य ताकतों का प्रदर्शन हुआ जो स्वदेशी है.
देश में ही बना हल्का लड़ाकू विमान तेजस पहली बार गणतंत्र दिवस के मौके पर आसमान में करतब दिखाता नजर आया. देखिए ये है तेजस, सिंगल इंजन वाला.लेकिन ताकत और मारक क्षमता में डबल इंजन वाले को कड़ी टक्कर देने का माद्दा रखने वाला. तेजस के तेज की पूरी कहानी आपको बताने वाले हैं. लेकिन उससे पहले देखिए ये आर्टिलरी गन धनुष है.
कमोबेश स्वदेशी बने धनुष में ऐसी क्या खासियत है जिससे इसकी बातें पूरी दुनिया में हो रही. उसकी कहानी से पहले राजपथ पर पहली बार अपना दम दिखाने वाले NSG कमांडो को देखिए. इन्हीं NSG जिसे राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड कहते हैं. उसे ही ब्लैककैट कमांडोज के नाम से भी जाना जाता है.
देश का यह फेडेरल कंटिनजेंसी बल 1984 में में अस्तित्व में आया. इसका मूल मंत्र है. बेमिसाल समर्पण और बेरहम प्रशिक्षण. अपनी स्थापना के बाद से NSG ने 115 ऑपरेश किए है. इसका स्ट्राइक रेट 95 फीसदी से भी ज्यादा है. NSG के कमांडो कैसे तैयार होते हैं…ये भी आज आपको हम दिखाने वाले हैं. लेकिन अब देखिए राजपथ पर हिन्दुस्तान को हीरो बनाने वाला ब्रह्मोस.
ब्रह्मोस पहली बार राजपथ पर नहीं था. लेकिन इस बार इसका होना बेहद खास था. क्योंकि ये पहला मौका है जब ब्रह्मोस को बनाकर भारत इसे दुनिया के दूसरे देशों बेचने वाला है. खासकर साउथ चाइना सी के किनारे बसे उन देशों को जिन्हें चीन खामख्वाह गीदरभभकी देता रहता है.
राजपथ पर पहली बार तकनीकी सुधार के साथ आने वाली ये स्वाति है. नाम पर मत जाइए काम सुनकर हैरान रह जाएंगे . ये खोजी रडार है. दुश्मन ने अगर आपके इलाके में हथियार छिपाकर रखा है. तो स्वाति उसे सूंघ लेती है. ये डीआरडीओ ने तैयार किया है. मोर्टार, आर्टिलरी गन, रॉकेट कहीं भी छिपाकर रखा गया हो. स्वाति उसे बेनकाब करने में सक्षम है.
इसके अलावा टैंक टी-90 और हेलीकॉप्टर रूद्र ने भी राजपथ पर मेक इन इंडिया का डंका बजाया . आगे हम बारी-बारी से हिन्दुस्तान को सूरवीर बनाने वाले हथियारों के बारे में बता रहे हैं. अब हम सबसे पहले तेजस का तेज दिखलाते हैं. जिसने गणतंत्र दिवस के मौके पर पहली बार राजपथ पर गर्जना की है.