नई दिल्ली. एलओसी पर गोलाबारी और राजस्थान बॉर्डर पर जंग की तैयारी में जुटे पाकिस्तान की नींदें उड़ गई हैं. पाकिस्तान के ग्वादर में बंदरगाह बनाने वाले चीन के माथे पर भी चिंता की लकीरें हैं. वजह है मोदी का महाविध्वंसक, जिसकी बादशाहत अरब सागर में आज से कायम हो गई है. आज मुंबई के तट पर अरब सागर में INS चेन्नई को एक शानदार समारोह में नौसेना में शामिल कर लिया गया.
आईएनएस चेन्नई, कोलकाता क्लास का तीसरा विध्वंसक जंगी जहाज. INS चेन्नई अरब सागर में उतारा जा चुका है. सोमवार को रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर की मौजूदगी में पूरे रस्मो रिवाज के साथ INS को नोसेना में कमीशन कर दिया गया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोधियों को 56 के आंकड़ा चुभता है. अब 56 का आंकड़ा भारत के दुश्मनों की नींद हराम कर देगा. 56 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार वाले आईएनएस चेन्नई कई आधुनिक तकनीकों से लैश है.
ये इंडियन नेवी के प्रोजेक्ट 15ए के तहत कोलकाता क्लास की तीसरी और आखिरी नेवी शिप है, जिसे मुंबई के मझगांव डॉक लिमिटेड में तैयार किया गया है. पूरी तरह स्वदेशी आईएनएस चेन्नई तकनीक और ताकत के मामले में बेजोड़ है. 535 फीट लंबी और 57 फीट चौड़ी इस लड़ाकू शिप को स्टेल्थ टेक्नोलॉजी से बनाया गया है, जिसे दुश्मन के रडार आसानी से पकड़ नहीं सकते.
INS चेन्नई एक नजर में
7500 टन वज़नी नौसेना की इस लड़ाकू शिप की रफ्तार 30 नॉट यानी 56 किलोमीटर प्रति घंटा है.
आईएनएस चेन्नई के डेक पर 2 हेली पैड हैं, जिन पर सी किंग और ध्रुव हेलीकॉप्टरों को तैनात किया जाएगा.
ईएनएस चेन्नई से एक साथ 32 बराक मिसाइलें दागी जा सकती हैं, जिनकी रेंज 500 मीटर से 90 किलोमीटर तक है.
आईएनएस चेन्नई को 8 सेल वाले 2 मिसाइल लॉन्चरों से लैस किया गया है, जहां से एंटी शिप ब्रह्मोस मिसाइलें दागी जा सकती हैं
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