जयगढ़ के किले में छिपा है अरबों-खरबों का खजाना

जयपुर का जयगढ़ किला कहते हैं इस किले में बेशुमार दौलत है.ऐसा माना जाता है जयपुर के राजा मान सिंह प्रथम ने अपना अकूत खज़ाना सम्राट अकबर से बचाकर जयगढ़ के क़िले में छिपा दिया था.हांलाकि अभी तक इस बारे में कोई पुष्ट जानकारी नहीं मिली है कि मानसिंह का खज़ाना था भी या नहीं और अगर था तो क्या ये अभी भी जयगढ़ के किले में ही छिपा है या फिर उसे निकाल लिया गया.

Advertisement
जयगढ़ के किले में छिपा है अरबों-खरबों का खजाना

Admin

  • November 13, 2016 5:46 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली. जयपुर का जयगढ़ किला कहते हैं इस किले में बेशुमार दौलत है.ऐसा माना जाता है जयपुर के राजा मान सिंह प्रथम ने अपना अकूत खज़ाना सम्राट अकबर से बचाकर जयगढ़ के क़िले में छिपा दिया था.
 
हांलाकि अभी तक इस बारे में कोई पुष्ट जानकारी नहीं मिली है कि मानसिंह का खज़ाना था भी या नहीं और अगर था तो क्या ये अभी भी जयगढ़ के किले में ही छिपा है या फिर उसे निकाल लिया गया.
 
जयगढ़ के किले में आज भी ऐसे प्रमाण मिलते हैं जो इस बात की ओर इशारा करते हैं कि किले के गुप्त तहख़ानों में आज भी अरबों-खरबों का खज़ाना छिपा हुआ है. इतिहास में राजा मान सिंह और अकबर के बीच हुई एक संधि का ज़िक्र आता है.
 
जिसके मुताबिक़ राजा मान सिंह जिस भी इलाके को फतह करेंगे वहां अकबर का राज होगा, लेकिन वहां से मिले खज़ाने और संपत्ति पर राजा मान सिंह का हक़ होगा.ऐसा कहा जाता है कि जंग की जीत से मिले पूरे खजाने को राजा मान सिंह ने किले के तहखाने में छुपा कर रखा था.
 
देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को जब इस खज़ाने की ख़बर मिली तो उन्होंने इस ख़ज़ाने को ढूंढने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी.तकरीबन छह महीने तक जयगढ़ के किले में छिपे खजाने की खोज की गई.खज़ाने को तलाशने के लिए आर्मी के अलावा अच्छी खासी सरकारी मशीनरी का भी इस्तेमाल हुआ, लेकिन ख़ज़ाना मिला या नहीं इसका पता आज तक किसी को नहीं चला.

Tags

Advertisement