नई दिल्ली. विजयदशमी पर रावण को मारने-जलाने का सनातन सिलसिला फिर से शुरू होने वाला है. एक दूसरे के विपरित ये चरित्र वैसे तो हिन्दुस्तान की सभ्यता-संस्कृति का हिस्सा रहे हैं लेकिन 28 साल पहले एक टेलीविजन धारावाहिक में इन दोनों पौराणिक पात्रों को देश भर ने बोलते-सुनते देखा.
रामानंद सागर के धारावाहिक रामायण के ये पात्र ऐसे थे कि लोगों ने इन्हें मन में बसा लिया. ऐसा बसा लिया कि राम के पात्र की पूजा होने लगी. लोग रावण के पात्र से घृणा करने लगे और सीता का किरदार निभाने वाली एक्ट्रेस के लोग पांव तक छूने लगे. मतलब एक धारावाहिक जिसने नया समाजिक-राजनीतिक ताना-बाना बुन दिया.
रावण का किरादार निभाते थे अरविंद त्रिवेदी
रामानंद सागर में रावण का किरदार निभाने वाले अरविंद त्रिवेदी को आज भी लोग लंकेश कहकर बुलाते हैं. अरविंद त्रिवेदी ने बताया कि उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि रावण का अभियन कर इतना मशहूर हो जाएंगे. देश तो देश अमेरिका और कनाडा जैसी धरती पर भी लोग मुझे जानेंगे.
उन्होंने बताया कि अपने इलाके में तो उन्हें आज भी लोग लंकेश, उनके बच्चों को रावण पुत्र और पत्नी को मंदोदरी कहते हैं. त्रिवेदी ने बताया कि जब वह रावण का किरदार कर रहे थे तो उनसे उनकी बेटियां और पत्नी भी डरने लगी थी.
त्रिवेदी आज की सियासत में सर्जिकल स्ट्राइक को हनुमान से जोड़ते हैं. उन्होंने कहा था कि हनुमान ने सबसे पहले लंका में सर्जिकल स्ट्राइक की थी, लेकिन निजी जीवन में त्रिवेदी राम के बड़े उपासक हैं. 24 घंटे राम-राम जपते हैं. कंधे पर राम नाम वाला अंग वस्त्र हमेशा होता है. पिछले 20 सालों से राम नाम का लंगर चलाते हैं.
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