नई दिल्ली. इंडिया न्यूज के खास शो में देख रहे हैं ‘पाकिस्तान का वध’ .दशहरा से ठीक पहले इस शब्द के विशेष मायने हैं. आतंकवाद के रावण का खात्मा तभी होगा जब उसके समूल पर ही हमला किया जाए. यानी दहशतगर्दों को पनाह देने वाले पाकिस्तान को ही पस्त किया जाए.
अगर पाकिस्तान सर्जिकल स्ट्राइक से नहीं माना तो उसके टुकड़े करने-करवाने होंगे. इससे उसके पालतू आतंकियों को मिलने वाली खुराक बंद होगी और तब सफल होगा ‘पाकिस्तान वध’. बुधवार रात जब इंडियन आर्मी के पैरा कमांडोज ने एलओसी पार कर पीओके में छिपे आतंकियों पर सर्जिकल हमला किया तो सरहद पार के दहशतगर्दों में खलबली मच गई.
जो आतंकी कल तक खुलेआम पीओके में अपनी नापाक मुहिम चला रहे थे.वो अब बचने के लिए बिल ढूंढने लगे. खुफिया सूत्रों का कहना है कि जिस पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक से पहले करीब 40 से 50 आतंकी कैंप चल रहे थे. उनमें अचानक भागा-भागी मच गई. बताया जा रहा है कि पाकिस्तान सेना और आईएसआई ने भारत के सर्जिकल स्ट्राइक से घबराकर आनन में पीओके से कम से कम 17 आतंकी शिविरों को रिहाइशी इलाकों में शिफ्ट कर दिया.
इस बात की पक्की खबर है कि पहले पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में एलओसी से सटे इलाकों में करीब 500 आतंकियों की फौज मौजूद थी.जो सरहद पार कर भारत में तबाही का साजिश कर रहे थे. लेकिन सर्जिकल हमले के बाद करीब 300 आतंकी वहां से जान बचाकर भाग गए.. पर करीब 200 आतंकी अभी भी वहां अलग अलग कैंपों में टिके हुए हैं.
भारत के सर्जिकल स्ट्राइक से दहशतगर्द बुरी तरह डरे हुए हैं, इसलिए वो ठिकाने बदलकर अपनी जान बचाने में जुटे हैं.लेकिन ये भी साफ है कि ये आतंकी सिर्फ डरे हैं.अपने नापाक मंसूबों से पीछे नहीं हटे हैं और जब भी जैसे ही उन्हें मौका मिलेगा वो भारत में घुसकर अपनी साजिश को अंजाम देने से नहीं चूकेंगे. लेकिन सवाल फिर भी वही है कि पीओके में कुकुरमुत्तों की तरह फैले इन आतंकियों के खिलाफ सेना कब और क्या कार्रवाई करेगी और क्या उसका फॉरमेट भी वैसा ही होगा.