नई दिल्ली. क्या आप जानते हैं कि देश में कमोडिटी और शेयर मार्केट की तर्ज पर बिजली की मंडी भी खुली हुई है? जी हां, बिजली की मंडी, जिसे पावर एक्सचेंज कहा जाता है और अब इसी पावर एक्सचेंज के कामकाज पर ऊर्जा मंत्रालय की स्थायी संसदीय समिति ने गंभीर सवाल उठाए हैं.
संसदीय समिति की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में पावर एक्सचेंज में एक ही कंपनी इंडियन एनर्जी एक्सचेंज की मोनोपोली है. इंडियन एनर्जी एक्सचेंज के प्रमोटर जिग्नेश शाह हैं, जो नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटिडे के 5600 करोड़ के घोटाले के आरोप में जेल जा चुके हैं.
इंडिया न्यूज़-IPPAI की पड़ताल
बिजली की मंडी में मोनोपोली क्यों ?
ऊर्जा मंत्रालय की संसदीय समिति ने आशंका जताई है कि देश के पावर एक्सचेंज में इंडियन एनर्जी एक्सचेंज का 95 फीसदी बाज़ार पर कब्ज़ा है, लिहाजा इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि इंडियन एनर्जी एक्सचेंज बिजली मंडी में मोनोपोली चला रही हो.
ऊर्जा मंत्रालय की संसदीय समिति के अध्यक्ष बीजेपी सांसद किरीट सोमैया हैं, जिन्होंने सरकार को सुझाव दिया है कि इंडियन एनर्जी एक्सचेंज के शेयर होल्डिंग की फोरेंसिक ऑडिट कराई जाए. साथ ही पावर एक्सचेंज पॉलिसी की समीक्षा करके इसमें बदलाव किए जाएं, ताकि पावर एक्सचेंज के कामकाज में प्रतिस्पर्धा और पारदर्शिता आए.