नई दिल्ली. उज्जैन भारतीय इतिहास के सबसे रहस्यमयी जगहों में से एक है. कहते हैं उज्जैन के राजा खुद भगवान शिव हैं जो महाकाल के रूप में वहां अनंतकाल से विराजमान हैं.
महाकाल मंदिर में यूं तो रोज़ाना हज़ारों लोगों की भीड़ जुटती है. सभी भगवान महाकाल के दर्शन करते हैं, उनकी पूजा अर्चना करते हैं. लेकिन बहुत ही कम लोग जानते हैं कि महाकाल मंदिर पांच मंज़िला है और उसकी पहली मंजिल पर एक और गुप्त मंदिर है, वो मंदिर जहां तक आम लोग नहीं जाते, जाना तो छोड़िये बहुत कम लोग ही उस मंदिर और मंदिर में मौजूद शिवलिंग के बारे में जानते हैं.
दरअसल महाकाल मंदिर के गर्भगृह के ठीक ऊपर बना है एक और मंदिर. वो मंदिर भगवान ओंकारेश्वर का है और उस मंदिर में एक गुप्त शिवलिंग भी स्थापित है जिसे ओंकारेश्वर कहा जाता है.
कहते हैं वो शिवलिंग भी भगवान महाकालेश्वर की ही तरह स्वयंभू है. और उसके दर्शन मात्र से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. उस रहस्यमयी शिवलिंग के दर्शन हो जाएं तो समझिये जीवन सफल हुआ क्योंकि महाकाल मंदिर में स्थापित वो दूसरा ओंकारेश्वर शिवलिंग मनोकामनाएं पूरी करने वाला है, लेकिन उस मंदिर को आम भक्तों के लिए नहीं खोला जाता. वो एक ऐसा रहस्य है जिसे महाकाल मंदिर का प्रशासन राज़ ही बनाकर रखना चाहता है.
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