संघर्ष: इटावा के तुलसीदास के जय बाबा गुरुदेव बनने का संघर्ष

परम संत बाबा जय गुरुदेव महाराज एक ऐसी शख्सियत थे जिनके दुनियाभर में करोड़ों भक्त हैं. उनका नारा ‘जय गुरुदेव, सतयुग आएगा’ था और उसके प्रचार का खास माध्यम दीवारें होती थी.

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संघर्ष: इटावा के तुलसीदास के जय बाबा गुरुदेव बनने का संघर्ष

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  • June 6, 2016 5:16 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
इटावा. परम संत बाबा जय गुरुदेव महाराज एक ऐसी शख्सियत थे जिनके दुनियाभर में करोड़ों भक्त हैं. उनका नारा ‘जय गुरुदेव, सतयुग आएगा’ था और उसके प्रचार का खास माध्यम दीवारें होती थी.
 
जय गुरुदेव का आश्रम उत्तरप्रदेश के मथुरा जिले में आगरा-दिल्ली राजमार्ग पर लगभग डेढ़ सौ एकड़ भूमि पर बना हुआ है. बाबा जयगुरुदेव का वास्तविक नाम तुलसीदास था.
 
करीब 115 साल पहले उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में खितोरा स्थित नील की कोठी नामक निर्जन स्थान पर परम संत स्वामी तुलसीदास का जन्म हुआ था. अपने प्रत्येक कार्य में अपने गुरुदेव का स्मरण कर, गुरु के महत्व को सर्वोपरि रखने वाले और जय गुरुदेव का उद्घोष करने वाले बाबा जय गुरुदेव इसी नाम से प्रसिद्ध हो गए. 
 
बाबा जय गुरुदेव का 116 वर्ष की उम्र में शुक्रवार, 18 मई 2012 की रात मथुरा में निधन हो गया. बाबा की मृत्यु के बाद उनकी जायदाद को लेकर विवाद बढ़ गया. इंडिया न्यूज के खास शो ‘संघर्ष’ में मैनेजिंग एडिटर राणा यशवंत बताएंगे कि कौन है जय गुरुदेव महाराज और कैसा रहा उनके जीवन का संघर्ष. साथ ही उनकी जमीन को लेकर कैसे खड़ा हुआ विवाद?
 
वीडियो पर क्लिक करके देखिए पूरा शो

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