नई दिल्ली। आज शूरवीर महाराणा प्रताप की जयंती है जिन्होंने मुगल बादशाह अकबर के सामने कभी अपना सर नहीं झुकाया। महाराणा प्रताप का जन्म राजस्थान की तत्कालीन मेवाड़ रियासत स्थित कुंभलगढ़ दुर्ग में 9 मई 1540 को हुआ था। महाराणा प्रताप की माता का नाम महारानी जयवंताबाई और पिता का नाम राणा उदय सिंह द्वितीय […]
नई दिल्ली। आज शूरवीर महाराणा प्रताप की जयंती है जिन्होंने मुगल बादशाह अकबर के सामने कभी अपना सर नहीं झुकाया। महाराणा प्रताप का जन्म राजस्थान की तत्कालीन मेवाड़ रियासत स्थित कुंभलगढ़ दुर्ग में 9 मई 1540 को हुआ था। महाराणा प्रताप की माता का नाम महारानी जयवंताबाई और पिता का नाम राणा उदय सिंह द्वितीय था।
महाराणा प्रताप का व्यक्तित्व काफी आकर्षक व विशाल था। बताया जाता है कि उनका कद 7 फीट 5 इंच था वहीं उनका वजन 110 किलो के करीब था। उनका भाला तक 81 किलों का था जिसके साथ वो 72 किलो वजनी कवच पहना करते थे। कहा जाता है कि दुश्मन भी महाराणा प्रताप के युद्ध-कौशल के कायल थे।
महाराणा प्रताप ऐसे वीर राजा थे जिन्होंने कभी भी किसी के सामने हार नई मानी। इन्होंने मेवाड़ को मुगल हमलों से कई बार बचाया। मुगल शासक अकबर 30 सालों तक लगातार कोशिश के बाद भी उन्हें बंदी नहीं बना सका और ऐसे उसका घमंड चूर हुआ। महाराणा प्रताप ने आजीवन अकबर को ‘तुर्क’ के नाम से ही संबोधित किया।
1576 में महाराणा प्रताप और मुगल बादशाह अकबर के बीच युद्ध हुआ जिसे हल्दी घाटी का युद्ध कहा जाता है। बताया जाता है कि ये युद्ध तीन घंटे से भी ज्यादा समय तक चला था। इस युद्ध में बुरी तरह से जख्मी होने के बाद भी महाराणा प्रताप मुगलों के हाथ नहीं आए थें। इस युद्ध में अकबर की विशाल सेना जिसमें तकरीबन 85 हजार सैनिक थे उसके सामने महाराणा प्रताप ने अपने 20 हजार सैनिक और सीमित संसाधनों के बल पर स्वतंत्रता के लिए तक संघर्ष किया।
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