शौर्यगाथा: उदय दिव्यांशु के पराक्रम के सामने दांतों तले उंगली चबाने को मजबूर हुए नक्सली

देश की आजादी के बाद सरहद पर जब कभी दुश्मन ने आंख उठाकर देखने की जुर्रत की तो सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया. लेकिन देश के अंदर के दुश्मन तो बॉर्डर के दुश्मन से भी ख़तरनाक होते हैं. वो आसानी से पकड़ में नहीं आते. ऐसे लोगों को सामने लाती हैं हमारे अर्द्धसैनिक बल.

Advertisement
शौर्यगाथा: उदय दिव्यांशु के पराक्रम के सामने दांतों तले उंगली चबाने को मजबूर हुए नक्सली

Admin

  • April 1, 2017 9:23 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली: देश की आजादी के बाद सरहद पर जब कभी दुश्मन ने आंख उठाकर देखने की जुर्रत की तो सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया. लेकिन देश के अंदर के दुश्मन तो बॉर्डर के दुश्मन से भी ख़तरनाक होते हैं. वो आसानी से पकड़ में नहीं आते. ऐसे लोगों को सामने लाती हैं हमारे अर्द्धसैनिक बल.
 
 
जो न सिर्फ हमारे बॉर्डर की निगहवानी करती है बल्कि देश के अंदर मौजूद दुश्मनों से भी लड़ती है. सेना के पराक्रम तो गाहे-बहागे सामने आते हैं. लेकिन पारा मिलिट्री के पराक्रम की कहानियां उस तरह से सामने नहीं आ पाती है. इंडिया न्यूज़ ने हाल ही में ऐसे शूरवीरों की कहानी देश-दुनिया के सामने लाई है. जिन्होंने वीरता-देशभक्ति की लकीर खींची. 
 
 
दिल्ली के ताज पैलेस होटल में शुक्रवार को इंडिया न्यूज द्वारा अर्द्धसैनिक बलों के सम्मान में शौर्यगाथा समारोह का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शिरकत की. साथ ही सम्मान समारोह में आईटीवी नेटवर्क के फाउंडर और प्रोमोटर कार्तिकेय शर्मा, एडिटर-इन-चीफ दीपक चौरसिया, मैनेजिंग एडिटर राणा यशवंत समेत कई वरिष्ठ पत्रकार और सुरक्षा बलों के जवानों व शहीदों के परिजनों मौजूद थे.
 
 
कार्यक्रम में सबसे पहले कार्तिकेय शर्मा ने राजनाथ सिंह को सम्मानित किया. फिर गृहमंत्री ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि देश के जवानों की वजह से भारत में विकास हो पा रहा है. भारत को ऊंचाईयों तक ले जाने में इन जवानों का बहुत योगदान है. अपने संबोधन के बाद उदय दिव्यांशु समेत 12 जांबाज बहादुर जवानों को गृहमंत्री द्वारा सम्मानित किया गया. 
 
 
इंडिया न्यूज़ हाल ही में अर्द्धसैनिक बलों के ऐसे शूरवीरों की कहानी देश-दुनिया के सामने लाया था जिन्होंने वीरता-देशभक्ति की लकीर खींची है. इसमें BSF, CRPF, CISF, ITBP, SSB, AR के जवान शामिल हैं. इनमें से किसी जवान ने बॉर्डर पर दुश्मनों के दांत खट्टे किए हैं तो किसी ने नक्सलियों की पूरे लश्कर को हराया है. इन जवानों में से कोई DIG हैं तो कोई कॉस्टेबल भी है. 
 
 
उदय दिव्यांशु (सेकेंड इन कमान-CRPF) कोबरा बटालियन 
दिलेर दिव्यांशु ने एक दो नहीं आधा दर्जन से अधिक सफल ऑपरेशन की अगुवाई की है. अपनी कोबरा बटालियन के साथ जून 2010 में उन्होंने पश्चिम बंगाल के लालगढ़ में 200 से अधिक नक्सलियों से सीधा मुकाबला किया. 15 मिनट की लड़ाई में पराक्रम का लकीर खींच दी. लालगढ़ में दोबारा कानून का राज कायम किया. अदम्य साहस और सूझ-बूझ भरे नेतृत्व के लिए उन्हें पुलिस गैलेन्ट्री अवॉर्ड से सम्मानित किया गया.

Tags

Advertisement