नई दिल्ली : अफगानिस्तान की जमीन पर हिंदुस्तान का नाम रौशन करने वाले आईटीबीपी के इंस्पेक्टर मंजीत सिंह अपनी जान हथेली पर लेकर चलते हैं. उवका कहना है कि अगर देश की रक्षा करने और देश का गर्व बढ़ाने का जिम्मा लिया है तो जान जाने का डर भुला देना चाहिए.
अफगानिस्तान में मंजीत ने उन आतंकियों के मंसूबे नाकाम कर दिए जो बदलते दौर में दो अमन पसंद मुल्कों की करीबी बर्दाश्त नहीं कर पा रहे थे. हेरात में इंडियन कॉन्सुलेट में लश्कर के आतंकियों ने पीछे से हमला कर दिया था जिसमें मंजीत सिंह ने अपने पराक्रम का परिचय दिया था.
विदेशी धरती पर आईटीबीपी का ऐसा ऑपरेशन पहली बार हुआ था. यह ऑपरेशन 23 मई 2014 के दिन हुआ था, मोदी सरकार के सत्ता में आने से महज दो दिन पहले. इस ऑपरेशन में साहस के साथ लड़ने की वजह से मंजीत सिंह को शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था तो उनके 4 साथियों को प्रेसिडेंट पुलिस गैलेंट्री मेडल दिया गया था.
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