श्मीर में हाफिज़ सईद के नापाक मंसूबों पर सुरक्षाबलों ने एक बार फिर पानी फेरते हुुए एनकाउंटर में तीन और आतंकियों को ढेर कर दिया है. सेनी ने जिन आतंकियों का एनकाउंटर किया है वो अमरनाथ यात्रियों पर हमले में शामिल थे. बता दें कि 11 महीनों में सेना ने 200 से ज्यादा आतंकियों को मौत का कफन पहनाया है.
श्रीनगर: कश्मीर में हाफिज़ सईद के नापाक मंसूबों पर सुरक्षाबलों ने एक बार फिर पानी फेर दिया है. सेना ने तीन कदम आगे बढते हुए हाफिज़ के तीन और आतंकियों को उनके अंजाम तक पहुंचा दिया. जी हां एनकाउंटर में जिन आतंकियों को सुरक्षाबलों ने ढेर किया है वो अमरनाथ यात्रियों पर हमले में शामिल थे. आखिर कैसे हुआ अमरनाथ का इंसाफ..इस रिपोर्ट में देखिये..
भारतीय सुरक्षाबलों ने अमरनाथ पर हमले का इंतकाम भले ही 6 महीने में पूरा किया हो, लेकिन बीते एक साल से सुरक्षाबल पूरे जोश के साथ घाटी में देश के दुश्मनो को ठिकाने लगाने में जुटे हुए हैं. बीते सिर्फ 11 महीनों में सेना ने 200 से ज्यादा आतंकियों को मौत का कफन पहनाया है. इनमें विदेशी और देश के अंदर मौजूद आतंकी शामिल हैं. ताजा एनकाउंटर में मारे गये आतंकी भी अब इसी फेहरिस्त में शामिल हो गये हैं.
सेना को बड़ी कामयाबी टॉप कमांडरों को खत्म करने में मिली है, जिससे आतंकियों का सारा नेटवर्क लड़खड़ा गया है. आसानी से कोई आतंकी कमांडर बनने को तैयार नहीं हो रहा. इसकी एक वजह वो लड़कियां हैं जिनके इश्क में पड़कर आतंकी जान गंवा रहे हैं. क्योंकि इन लड़कियों को मुखबिर के तौर पर इस्तेमाल करना सुरक्षाबलों के लिए कारगर साबित हुआ है.
कश्मीर में शांति के लिए सुरक्षाबल आतंकियों का खात्मा कर रहे हैं तो दूसरी तरफ महबूबा सरकार ने भी पहल की है. दरअसल सरकार ने करीब 4 हज़ार पत्थरबाजों से केस वापस लेने का फैसला किया है. ये वो नौजवान हैं जो पहली बार पत्थरबाजी में शामिल रहे थे. ऐसा करने के पीछे मकसद युवाओं को उनकी गलती का अहसास कराना और सुधरने का मौका देना है..ताकि कश्मीर में शांति बहाल होने में मदद मिले.
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