भारत और रूस के बीच 39 हजार करोड़ डॉलर की एस-400 डिफेंस मिसाइल सिस्टम डील जल्द फाइनल हो सकती है. इससे भारतीय सेना और भी मजबूत होगी. एस-400 सिस्टम में अलग-अलग क्षमता वाली तीन तरह की मिसाइल हैं. एस-400 सिस्टम तकनीक सुपरसॉनिक और हाइपरसोनिक से लैस है.
सरहद पर चीन और पाकिस्तान के साथ हालात कब बिगड़ जाएं.. कब चीन और पाकिस्तान मैदान ए जंग में उतर जाए कुछ नहीं कहा जा सकता है.. ऐसे में हमारी सेना हर मोर्चे पर डटकर खड़ी रह सके इसके लिए पुख्ता तैयारी ज़रूरी है. उसी तैयारी की दिशा में एक कदम है रूस के साथ हुई 39 हजार करोड़ की ये डिफेंस डील. जो इसी साल हकीकत में बदल जाएगी. इस डील में
एस-400 सिस्टम में अलग-अलग क्षमता वाली तीन तरह की मिसाइल हैं. एस-400 सिस्टम तकनीक सुपरसॉनिक और हाइपरसोनिक से लैस है जिससे दुश्मन खौफ में है क्योकि वो दुश्मन के किसी भी मिसाइल हमले का सबसे बड़ा रक्षक है. जो बहुत जल्द हिन्दुस्तान की सेना के बेड़े में शामिल होने जा रहा है. उसके आने के बाद दुश्मनों में खलबली मचना तय है.
इस ताकतवर मिसाइल डिफेंस सिस्टम को लेकर दुश्मनों में खलबली की वजह बड़ी साफ है क्योकि भारत रूस से पांच सिस्टम की डील करने जा रहा है. यानि एक वक्त में अगर हिन्दुस्तान पर चारो तरफ से 180 मिसाइले भी गिरेगी तो भी वो हिन्दुस्तान का कुछ नहीं बिगाड़ पाएंगी, क्योंकि ये मिसाइल डिफेंस सिस्टम दुश्मन की मिसाइलों को ज़मीन पर गिरने ही नहीं देगा और ये दुनिया का सबसे बेहतरीन मिसाइल डिफेंस सिस्टम माना जाता है.
ताकत में हमसे बीस माना जाने वाला चीन भी रुस से इस सिस्टम को खरीद रहा है. संख्या के लिहाज से भारत पांच सिस्टम खरीद रहा है तो चीन 6. हालांकि भारत की डिमांड 12 सिस्टम की थी लेकिन फिलहाल सेना ने पांच को हरी झंडी दी है. इस डील से एक बात तो साफ है कि हम दुनिया के उन ताकतवर देशों में शामिल हो जाएंगे जिनके पास एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम की सबसे कारगर और शानदार टेक्नोलॉजी मौजूद है.
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