नई दिल्ली: सलाखों में आज आपको मिलवायेंगे उस खाकीदारी से जो तनख्वाह तो सरकार से लेता था..लेकिन हुक्म हनीप्रीत का बजाया करता था. हनीप्रीत के इसी लाल गुलाम ने राम रहीम की फरारी के एक नहीं बल्कि तीन-तीन प्लान बनाए थे. जी हां, राम रहीम को सुरक्षित जेल पहुंचाने की जिम्मेदारी खाकी पर थी और राम रहीम ने खाकी के खिलाफ खाकी को ही इस्तेमाल किया. बड़ा खुलासा ये हुआ कि राम रहीम को दोषी करार दिये जाने के बाद फरार कराने की साजिश एक पुलिसवाले ने बुनी थी, जिसे अब पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और यही है हनीप्रीत का लाल गुलाम है.
राम रहीम को भगाने की फुलप्रूफ साजिश रची गई थी. राम रहीम की फरारी की प्लानिंग करने वालों में कुछ खाकी वर्दी वाले थे तो उसे जेल पहुंचाने वाला भी खाकी में था. सेना और वहां मुस्तैद डीसीपी क्राइम के चलते राम रहीम भाग नहीं पाया. जब पंचकुला की सीबीआई कोर्ट ने कह दिया कि राम रहीम बलात्कारी है, लेकिन सवाल है कि फैसले के बाद हिंसा किसने फैलवाई ? ये सब किसने कराया ? इसके पीछे किसकी साजिश है ? राम रहीम के वो कौन गुर्गे हैं, जो कोर्ट के बाहर ही मौजूद थे ? और हिंसा फैलाने के लिए इतने हथियार कहां से आए ? हरियाणा पुलिस के आईजी केके राव का दावा है कि अगर 3 लेयर की सिक्योरिटी सीबीआई कोर्ट के बाहर नहीं होती, तो राम रहीम के कमांडो उसे वहां से भगा ले जाने वाले थे और इसके लिए वो डीएसपी सुमित कुमार से भी भिड़ गए.
दरअसल राम-रहीम को भगाने की साजिश हनीप्रीत ने रची थी और उसे अंजाम तक पहुंचाने का जिम्मा लाल चंद के पास था. जब बाबा को भगाने का प्लान फेल हुआ और हिंसा भड़की तो हनीप्रीत फरार हो गई. इस दौरान हनीप्रीत को छिपाने की जिम्मेदारी लालचंद के साथ साथ बाकी लोगों ने संभाली, हालांकि अब हनीप्रीत की फरारी में मदद करने वाले इन सभी आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
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