सलाखें: उस साध्वी की कहानी जिसकी एक चिट्ठी ने खोला राम रहीम का हर राज

कथित बाबा राम रहीम की बर्बादी की शुरुआत अप्रैल 2002 में उस वक्त शुरू हुईं. जब एक गुमनाम खत तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखा गया था. इस खत में एक पीड़िता ने बाबा की काली करतूतों का खुलासा किया था.

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सलाखें: उस साध्वी की कहानी जिसकी एक चिट्ठी ने खोला राम रहीम का हर राज

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  • August 26, 2017 6:03 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली: कथित बाबा राम रहीम की बर्बादी की शुरुआत अप्रैल 2002 में उस वक्त शुरू हुईं. जब एक गुमनाम खत तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को लिखा गया था. इस खत में एक पीड़िता ने बाबा की काली करतूतों का खुलासा किया था. 
 
इसी के बाद हाईकोर्ट ने इस मामले में खुद संज्ञान लिया और बाद में जांच सीबीआई को सौंप दी गई. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर ऐसा क्या था उस खत में कि प्रधानमंत्री से लेकर हाई कोर्ट तक कोई भी खुद को रामरहीम पर कार्रवाई से नहीं रोक सका. 
 
दरअसल पीड़िता ने अपने लेटर में लिखा था कि मैं पंजाब की रहने वाली हूं और अब पांच साल से डेरा सच्चा सौदा सिरसा में साधु लड़की के रूप में कार्य कर रही हूं. सैकड़ों लड़कियां भी डेरे में 16 से 18 घंटे सेवा करती हैं. हमारा यहां शारीरिक शोषण किया जा रहा है. साथ में डेरे के महाराज गुरमीत सिंह द्वारा यौन शोषण किया जा रहा है. इसमें आगे लिखा था मैं बीए पास लड़की हूं. मेरे परिवार के सदस्य महाराज के अंध श्रद्धालु हैं, जिनकी प्रेरणा से मैं डेरे में साधु बनी थी.
 
 
इतना ही नहीं तत्कालीन प्रधानमंत्री को लिखे इस पत्र में आगे बाबा राम रहीम को लेकर जो कुछ कहा गया था वो बेहद हैरान करने वाला है क्योंकि इससे पता चलता है कि बाबा की एक अलग ही दुनिया थी. इस लेटर में आगे लिखा था कि साधु बनने के दो साल बाद एक दिन महाराज गुरमीत की परम शिष्य साधु गुरजोत ने रात के 10 बजे मुझे बताया कि महाराज ने गुफा बुलाया है. क्योंकि मैं पहली बार वहां जा रही थी, मैं बहुत खुश थी. यह जानकर कि आज खुद परमात्मा ने मुझे बुलाया है.
 
लेकिन गुफा में जाकर जो कुछ मैंने देखा वो मेरे लिए हैरान और परेशान करने वाला था, गुफा में ऊपर जाकर जब मैंने देखा कि महाराज बेड पर बैठे हैं. उनके हाथ में टीवी का रिमोट है, और सामने टीवी पर ब्लू फिल्म चल रही है. बेड पर सिरहाने की ओर रिवॉल्वर रखा हुआ है. मैं ये सब देख कर हैरान रह गई. मुझे लगा कि जैसे मेरे पांव के नीचे की ज़मीन खिसक गई है क्योंकि बाबा का ये रूप मैं पहली बार देख रही थी. इसके बाद साध्वी के सामने बाबा ने जो ख्वाहिश रखी..उसे सुनकर साधवी के होश उड़ गए.
 
बाबा के यौन शोषण का शिकार हुई पीड़िता की दर्दनाक दास्तान यहीं खत्म नहीं होती..क्योंकि जिस बाबा को उसने परमात्मा का दर्जा दिया था..उसने उसका यौन शोषण एक दो बार नहीं बल्की महीनों तक किया. साथ ही जब पीड़िता ने इसका विरोध किया उसे जान से मारने की धमकी दी गई.
 

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