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आतंक के आका बगदादी को छोड़कर भागे आतंकी !

वक्त ने बगदादी के गाल पर जोरदार तमाचा मारा है. जिन आतंकियों से कत्लेआम कराकर बगदादी ने दहशत की दुकान जमाई थी. अब वही आतंकी बगदादी का साथ छोड़कर भाग रहे हैं. ये खुलासा हुआ है आतंकियों के उस सिक नोट से जिसमें आतंकियों ने बीमारी का बहाना बनाकर बगदादी से अपने देश वापस लौटने की गुजारिश की है. क्योंकि अब इन आतंकियों में ना जंग लड़ने की ताकत बची है.और ना ही हिम्मत अब ऐसे में क्या बगदादी सरेंडर करेगा.

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  • February 3, 2017 5:47 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली: वक्त ने बगदादी के गाल पर जोरदार तमाचा मारा है. जिन आतंकियों से कत्लेआम कराकर बगदादी ने दहशत की दुकान जमाई थी. अब वही आतंकी बगदादी का साथ छोड़कर भाग रहे हैं. ये खुलासा हुआ है आतंकियों के उस सिक नोट से जिसमें आतंकियों ने बीमारी का बहाना बनाकर बगदादी से अपने देश वापस लौटने की गुजारिश की है. क्योंकि अब इन आतंकियों में ना जंग लड़ने की ताकत बची है.और ना ही हिम्मत अब ऐसे में क्या बगदादी सरेंडर करेगा.
 
तो आईये देखते हैं बगदादी का सरेंडर. जी हां, आतंकिस्तान से आई इस ताजा ख़बर ने साफ कर दिया कि बगदादी के पास ज्यादा वक्त नहीं बचा है. बगदादी खुद सरेंडर कर सकता है. क्योंकि जिन आतंकियों को साथ लेकर बगदादी दुनिया में दहशत फैलाये हुआ था.अब उनकी हिम्मत जवाब दे गई है.
 
मोर्चे पर बगदादी को अकेला छोड़ आतंकी अपने देश लौटना चाहते हैं.और इस ख़बर पर मुहर लगाई है.देखिये आतंकियों की लिखी इसी चिट्ठी ने बगदादी की नींद उड़ा दी है. अरबी में लिखी इस चिट्ठी में आतंकियों ने आइसिस का साथ छोड़ने की बात कही है. और इसके पीछे आतंकियों ने खराब सेहत का हवाला देते हुए कहा है.
 
मोर्चे पर लड़ते हुए तबीयत काफी खराब हो गई है सिरदर्द, कमरदर्द और घुटनों में जकड़न रहने लगी है.इस वजह से मोर्चे पर लड़ना अब आसान नहीं है. इसलिए अब आइसिस का साथ छोड़ना ही बेहतर है.इस चिट्ठी में आतंकी के आइसिस ज्वाइन करने का वक्त भी दिया गया है.
 
इस आतंकी ने 25 अगस्त 2015 को आइसिस ज्वाइन किया था. और चिट्ठी में इसके जन्म की तारीख भी दी हुई है. इसी तरह एक और आतंकी का सिक नोट मिला है.इसमें भी आतंकी ने बीमारी का हवाला देते हुए संगठन छोड़ने की बात कही है. आतंकियों के लिए इन सिक नोट को इराकी फौज ने उस वक्त बरामद किया.जब आतंकियों को इलाके से खदेड़ने के बाद फौज ठिकाने की तलाशी ले रही थी.
 

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