नई दिल्ली : दो साल तक दुनिया ने
बगदादी का आतंक देखा, उसके आतंकियों की बेरहमी की दुनिया सैंकड़ों बार गवाह बनी, लेकिन बीते तीन महीने बगदादी कभी भूल नहीं पायेगा, क्योंकि इन्हीं तीन महीनों में बगदादी को अपना भविष्य दिख गया. यही वो वक्त था जब बगदादी की तबाही का मुकम्मल इंतजाम किया गया और इराकी फौज ने आतंकियों की ईंट से ईंट बजाकर रख दी.
17 अक्टूबर 2016, इस तारीख को बगदादी मरते दम तक नहीं भूल पायेगा, क्योंकि इसी दिन सही मायनों में बगदादी की तबाही का सिलसिला शुरू हुआ था और आज 18 जनवरी है. यानी पूरे तीन महीने गुजर चुके हैं और इन तीन महीनों में बगदादी की दुनिया भी बदल चुकी है.
17 अक्टूबर 2016 को
इराक के प्रधानमंत्री हैदर अल आबादी ने
आईएसआईएस के खिलाफ निर्णायक जंग का ऐलान किया था, नतीजा ये हुआ कि हवाई हमलों से बेफिक्र रहने वाला बगदादी जमीनी जंग में हांफ गया. उसके आतंकी आमने-सामने की जंग में फौज आगे 3 महीने भी टिक नहीं पाये.
तबाही के 3 महीनों में सीरिया के अलेप्पो समेत तीन शहर बगदादी के कब्जे से निकल गये, इराक के मोसुल में बगदादी का दायरा सिमट चुका है. मोसुल यूनिवर्सिटी और एयरपोर्ट को सेना ने कब्जे में कर लिया है. 5,500 के करीब आतंकी मारे गये बीते 3 महीनों के अंदर. हज़ारों हथियार और सैंकड़ों गाड़ियां तबाह हो गई इस दौरान.
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