नई दिल्ली. मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम (MTCR) में शामिल होने के बाद भारत हाई-टेक मिसाइल एक्सपोर्ट कर सकता है और अपनी बह्मोस जैसी मिसाइल को बेच सकेगा.
वियतनाम, इंडोनेशिया, ब्राजील, चिली और दक्षिण अफ्रीका जैसे देश भारत से ब्रह्मोस जैसे मिसाइल और हथियार खरीदना चाहते हैं. भारत इसके लिए तैयार भी है. अगल दो साल में भारत का 133 अरब के हथियार एक्सपोर्ट करने का टारगेट है.
क्या है ब्रह्मोस ?
ब्रह्मोस भारत-रूस के ज्वॉइंट वेंचर से देश में ही बनाई गई एक सुपर सोनिक एंटी शिप मिसाइल है. यह दुनिया की सबसे तेज क्रूज मिसाइल है. इसकी स्पीड अमेरिकी सबसोनिक टॉमहॉक क्रूज मिसाइल से तीन गुना ज्यादा 2.8 मैच है. यह मिसाइल 300 किलो वारहेड के साथ 290 किलोमीटर की दूरी तक मार कर सकती है.
सरफेस-टू-सरफेस पर मार करने वाली इस मिसाइल को सबमरीन, शिप और प्लेन से भी दागा जा सकता है.ब्रह्मोस की रफ्तार 8575 किलोमीटर प्रतिघंटा है. इसे जमीन, आसमान और पानी तीनों जगहों से लॉन्च किया जा सकता है.