नई दिल्ली: शतक बनाना जब शौक बन जाए, रिकॉर्ड बनाना जब आदत हो जाए. तब भी शतक बनाने के बाद विराट का मैदान पर इस तरह चिल्लाना साफ इशारा है कि विराट वापस आ गए हैं. पिछले कुछ दिनों में मैदान और उसके बाहर हो रहे विवादों और आलोचनाओं को इस एक शतक से भूले कल की बात बना दी.
भले ही सामने वेस्टइंडीज की कमजोर टीम हो, लेकिन किसी को ये नहीं भूलना चाहिए कि ना पिच आसान थी और ना ही पुराना रिकॉर्ड. धोनी के अंदाज में विराट ने भी इस बार छक्का लगाकर ही टीम इंडिया को जीत दिलाई. विराट कोहली वर्ल्ड क्लास प्लेयर हैं, अपनी बल्लेबाजी से वो टीम को जीत दिलाते हैं.
विराट बेहतरीन क्यों हैं ये आज उन्होंने अपनी नाबाद शतकीय पारी के जरिए दिखाया. सचिन को पीछे छोड़ लक्ष्य का पीछा करते हुए सबसे ज्यादा शतक बनाने वाले बल्लेबाज़ अब विराट हैं
लक्ष्य का पीछा करते हुए शतक लगाकर सबसे ज्यादा बार नॉट आउट रहने के रिकॉर्ड पर भी अब विराट का नाम लिख गया है.
वनडे क्रिकेट में 40 से ज्यादा पारी खेले बल्लेबाज़ों की लिस्ट में विराट की औसत सबसे ज्यादा 54.68 की है. कप्तानी के बाद मेरी बल्लेबाजी में कोई बदलाव नहीं आया है. मैं अब भी वैसे ही गेम के बारे में सोचता हूं जैसा कि पहले सोचता था. मुझे अब भी उसी तरह खेल को खत्म करना पसंद है. इससे जिम्मेदारी थोड़ी बढ़ी है, लेकिन उससे सीखने को मिल रहा है.
एक खिलाड़ी के तौर पर विराट की बल्लेबाज़ी औसत जहां 51.29 थी, कप्तानी करते हुए वो बढ़कर 76.85 की हो गई. जीते हुए मैचों में पहले बल्लेबाज़ी करते हुए विराट की औसत 50.56 की है, जबकि लक्ष्य का पीछा करते हुए ये बढ़कर 97.97 की हो जाती है.
विराट कोहली कप्तान के तौर पर अब पहले से कहीं ज्यादा परिपक्व हो रहे हैं और तस्वीरें इसकी गवाही भी दे रही है. चाहे वो मैच जीतने के बाद विरोधी टीम से पीछे चलने की ये तस्वीर हो या फिर ट्रॉफी उठाते ही युवाओं को इसे सौंप देने की धोनी वाली परंपरा को आगे बढ़ाने की आदत.
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