नई दिल्ली. माह में दो बार और सालभर में 24 एकादशी पड़ती है. आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी कई मायनों में खास होती है. इस एकादशी को योगिनी एकादशी कहा जाता है. इसका खास महत्व पुराणों में भी देखने को मिलता है. इस दिन विधि-विधान पूजा पाठ व व्रत करने की प्रथा है. इस बार योगिनी एकादशी 29 जून, शनिवार को पड़ रही है.
जानकारों के अनुसार, योगिनी एकादशी पर व्रत व पूजा पाठ करने से 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर फल मिलता है. इस एकादशी को भगवान विष्णु की सबसे प्रिय माना जाता है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा पाठ करने का विधान है. इस व्रत को महिला व पुरुण दोनों ही कर सकते हैं. इसे करने से हर मनोवांच्छित मनोकामना पूरी होती है.
योनिनी एकादशी का महत्व
योनिनी एकादशी इस बार 29 जून को है. इस एकादशी को शयनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. इस एकादशी के ठीक बाद देवशयनी एकादशी पड़ती है. इस दिन के खास महत्व को लेकर कहा जाता है कि भगवान विष्णु शयन के लिए चले जाते है. इस बार शनिवार को पड़ रही है जिसके चलते इसका महत्व और अधिक बढ़ गया है.
योगिनी एकादशी पूजा विधि
योगिनी एकादशी के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान आदि से निर्वित होकर इस व्रत की तैयारी करनी चाहिए. इसके बाद मंदिर व पूजा स्थल शुद्ध करें और भगवान विष्णु की प्रतिमा की स्थापना करें. इसके बाद भगवान को धूप, फल, प्रसाद आदि अर्पित करें. इसके बाद योगिनी एकादशी व्रत कथा आरंभ करें. कथा के बाद मंत्र और आरती करें. इसके बाद मन में संकल्प करें और व्रत रखें.
योगिनी एकादशी शुभ मुहूर्त
योनिनी एकादशी तिथि प्रारंभ: 28 जून 2019 को सुबह 06:36 बजे से
योनिनी एकादशी तिथि समाप्त: 29 जून 2019 को सुबह 06:45 बजे से
योनिनी एकादशी पारण का समय: 30 जून 2019 को सुबह 05:30 मिनट से सुबह 06:11 मिनट तक
योनिनी एकादशी पारण के दिन द्वादशी तिथि समाप्त: 30 जून 2019 को सुबह 06 :11 मिनट