नई दिल्ली : दिवाली की रौनक हर तरफ नजर आ रही है। इस बार रोशनी का ये त्योहार 1 नवंबर को मनाया जाएगा, लेकिन उससे पहले 29 अक्टूबर को धनतेरस का पावन त्योहार मनाया जाएगा। इस दिन न सिर्फ सोना, चांदी और धातु खरीदने का महत्व है, बल्कि धनतेरस के दिन यम का दीपक भी […]
नई दिल्ली : दिवाली की रौनक हर तरफ नजर आ रही है। इस बार रोशनी का ये त्योहार 1 नवंबर को मनाया जाएगा, लेकिन उससे पहले 29 अक्टूबर को धनतेरस का पावन त्योहार मनाया जाएगा। इस दिन न सिर्फ सोना, चांदी और धातु खरीदने का महत्व है, बल्कि धनतेरस के दिन यम का दीपक भी जलाया जाता है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि धनतेरस के दिन यम का दीपक क्यों जलाना चाहिए और इससे हमें क्या लाभ मिलते हैं? तो आइए आज हम आपको यम का दीपक जलाने का महत्व और इसके पीछे की वजह जानते हैं।
धनतेरस के दिन सबसे पहले शाम के समय माता लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर की पूजा की जाती है। इसके बाद यमराज की भी विधि-विधान से पूजा की जाती है। इस दौरान शाम के समय दक्षिण दिशा में चौमुखा दीपक जलाया जाता है। पुरे वर्ष में एक मात्र यही दिन है जब मृत्यु के देवता यमराज की पूजा की जाती है। यह पूजा दिन में नहीं की जाती जबकि रात्रि के समय में यमराज के निमित्त एक दीपक जलाया जाता है।
चोमुखी दीपक को यम का दीपक कहते हैं। घर की महिलाएं इस दीपक को दक्षिण दिशा में रखकर यमराज से घर की खुशहाली की प्रार्थना करती हैं। मान्यताओं के अनुसार इस दिशा के स्वामी यम हैं और अगर इस दिशा में यम के नाम का दीपक जलाया जाए तो घर में सुख-शांति बनी रहती है और परिवार के सदस्य निरोगी रहते हैं।
यह भी पढ़ें :