Navratri: शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू हो गया है। इसके दूसरे दिन आज मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है। माता के नाम में ब्रह्म का अर्थ तप और चारिणी का आचरण करने वाली है। मां ब्रह्मचारिणी संसार से विरक्त होकर सदैव तपस्या में लीन रहती हैं। कठोर तप की वजह से इनके मुख पर […]
Navratri: शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू हो गया है। इसके दूसरे दिन आज मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है। माता के नाम में ब्रह्म का अर्थ तप और चारिणी का आचरण करने वाली है। मां ब्रह्मचारिणी संसार से विरक्त होकर सदैव तपस्या में लीन रहती हैं। कठोर तप की वजह से इनके मुख पर अद्भुत तेज रहता है। इनके हाथों में अक्ष माला और कमंडल रहता है। माता ब्रह्म का स्वरूप मानी जाती हैं।
विद्यार्थियों और तपस्वियों के लिए माता की पूजा बहुत ही शुभ और फलदायी माना जाता है। साथ ही जिनका चंद्रमा कमजोर हो उन्हें भी माता ब्रह्मचारिणी की उपासना करनी चाहिए। माता को शक्कर का भोग लगाए और प्रसाद को घर के सभी सदस्यों में बांटें। इससे माता का आशीर्वाद मिलता है।
मां ब्रह्मचारिणी की उपासना के दौरान भक्तजनों को पीला या सफेद वस्त्र धारण करना चाहिए। इसके अलावा माता को सफेद वस्तुएं जैसे कि मिश्री, शक्कर , पंचामृत अर्पित करें। मां को प्रसन्न करने के लिए ऊं ऐं नम: मंत्र का जाप करें।