नई दिल्ली: हिंदू धर्म में देवउठनी एकादशी का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु चार महीने की योग निद्रा के बाद जागते हैं और पुनः सृष्टि का संचालन करते हैं। इसे देवोत्थान एकादशी भी कहा जाता है, जो हर साल कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन पूजा करने से व्यक्ति को भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन में सौभाग्य और समृद्धि आती है। इस बार देवउठनी एकादशी 12 नवंबर 2024 को पड़ रही है।
इस दिन पूजा करने के लिए ब्रह्म मुहूर्त में जल्दी उठकर स्नान करके साफ कपड़े पहनें। इसके बाद घर के पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें और भगवान विष्णु की प्रतिमा या तस्वीर को स्थापित करें। ध्यान रहे कि पूजा के दौरान साफ-स्वच्छ वातावरण बनाए रखें।
1. दीप जलाएं: दीपक जलाकर भगवान विष्णु की प्रतिमा के सामने रखें। दीप प्रज्वलन से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
2. पंचामृत से अभिषेक: भगवान को पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शकर) से स्नान कराएं। यह धार्मिक प्रक्रिया भगवान को प्रसन्न करने का प्रतीक मानी जाती है।
3. तुलसी दल चढ़ाएं: भगवान विष्णु को तुलसी के पत्ते बहुत प्रिय होते हैं। इसलिए तुलसी दल चढ़ाकर भगवान से अपनी मनोकामना व्यक्त करें। ऐसा माना जाता है कि इससे भगवान प्रसन्न होकर भक्तों पर कृपा बरसाते हैं।
4. पुष्प और माला अर्पित करें: भगवान विष्णु की पूजा में फूलों का विशेष महत्व है। ताजे फूलों की माला अर्पित करें, इससे भगवान को प्रसन्नता मिलती है।
5. मिठाईका भोग: पूजा के बाद भगवान को मिठाई का भोग लगाएं। इसे तुलसी के पत्तों के साथ अर्पित करना चाहिए।
6. भगवान विष्णु का जागरण मंत्र: देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु को जगाने के लिए “ऊं नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें। इस मंत्र का जाप करने से भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की भी कृपा प्राप्त होती है।
देवउठनी एकादशी के दिन व्रत करने का विशेष महत्व है। माना जाता है कि इस दिन व्रत करने से सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है जो जीवन में सुख-शांति, धन-धान्य और स्वास्थ्य की कामना रखते हैं। इस दिन विधि-विधान से पूजा करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है, जिससे व्यक्ति के जीवन में सौभाग्य और समृद्धि का संचार होता है। जो लोग इस दिन पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ पूजा करते हैं, उन्हें भगवान विष्णु का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है और उनके सभी कार्य सफल होते हैं।
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