Navratri: आज नवरात्रि का पांचवा दिन है। पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा होती है। कार्तिकेय( स्कंद) की मां होने की वजह से इन्हें स्कंदमाता कहा जाता है। चार भुजाओं वाली देवी अपने दो हाथों में कमल का फूल लिए रहती हैं। वहीं एक हाथ में बालरूपी स्कंद कमल का फूल लिए हुए हैं तो […]
Navratri: आज नवरात्रि का पांचवा दिन है। पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा होती है। कार्तिकेय( स्कंद) की मां होने की वजह से इन्हें स्कंदमाता कहा जाता है। चार भुजाओं वाली देवी अपने दो हाथों में कमल का फूल लिए रहती हैं। वहीं एक हाथ में बालरूपी स्कंद कमल का फूल लिए हुए हैं तो दूसरे में माता तीर संभाली हुईं हैं। माता सिंह पर विराजमान रहती हैं। पांचवें दिन देवी की पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
मान्यता है कि इस दिन सच्चे मन से व्रत और पूजन करने व देवी की कथा सुनने से व्यक्ति रोग दोष से मुक्त हो जाता है। साथ ही निसंतान व्यक्ति को संतान की प्राप्ति होती है। आदिशक्ति के इस स्वरूप को संतान की कामना पूर्ण कहने वाला माना गया है। इसके लिए निसंतान व्यक्ति माता को नारियल अर्पित करें और इसके चारों तरफ रक्षा सूत्र बांध दे। माता की उपासना के समय ॐ दुर्गायः नमः का पाठ करें। फिर उस नारियल को पीले कपड़े में लपेटकर अपने शयनकक्ष में डाल दे।
इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा
वैदिक पंचांग के अनुसार आज मां स्कंदमाता की पूजा करने के लिए सबसे शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 40 मिनट से लेकर 12 बजकर 30 मिनट तक है। माता को प्रसन्न करने के लिए पीले फूल चढ़ाएं। पीले रंग का वस्त्र पहनकर पूजा करें। साथ ही पीले रंग का प्रसाद चढ़ाने से पूजा सफल हो जाती है।