नई दिल्ली। शारदीय नवरात्रि आज यानी 3 अक्टूबर से शुरू हो गया है। नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक मां शैलपुत्री का जन्म पर्वतराज हिमालय के यहां हुआ था, इसी वजह से इन्हें शैलपुत्री कहा जाता है। माता स्नेह व करुणा की देवी मानी जाती हैं। उनके […]
नई दिल्ली। शारदीय नवरात्रि आज यानी 3 अक्टूबर से शुरू हो गया है। नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक मां शैलपुत्री का जन्म पर्वतराज हिमालय के यहां हुआ था, इसी वजह से इन्हें शैलपुत्री कहा जाता है। माता स्नेह व करुणा की देवी मानी जाती हैं। उनके मुख पर सदैव कांतिमय तेज रहता है। बाएं हाथ में कमल का फूल और दाएं हाथ में त्रिशूल रहता है। मां वृषभ की सवारी करती हैं।
इस बार प्रतिपदा तिथि 3 अक्टूबर, गुरुवार को पूरे दिन रहेगी। इसलिए दिन में किसी भी समय कलश स्थापना की जा सकती है। हालांकि इसके लिए दो शुभ मुहूर्त भी रहेंगे। पहला शुभ मुहूर्त सुबह साढ़े 6 से सुबह 7:31 बजे तक रहेगा। वही दूसरा शुभ मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 03 मिनट से दोपहर 12.51 तक रहेगा।
मां शैलपुत्री का संबंध चन्द्रमा से है। इन्हे सफ़ेद रंग के खाद्य पदार्थ का भोग लगाया जाता है। जिसमें खीर, रसगुल्ले, और पताशे आदि शामिल है। बेहतर स्वास्थ्य और लंबी आयु के लिए भक्तजन मां को गाय के घी का भोग लगाएं। साथ ही गाय के घी से बनी मिठाईयों का भी भोग लगा सकते हैं।
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ॐ शैलपुत्री देव्यै नम:।।