नई दिल्ली: आज यानी कि 19 जून से आषाढ़ महीने की गुप्त नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है. आने वाले नौ दिनों तक देवी के नौ रूपों की धूमधाम से पूजा की जाएगी. हर साल आषाढ़ महीने में गुप्त नवरात्रि की शुरुआत शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से ही होती है. इस साल यानी 2023 […]
नई दिल्ली: आज यानी कि 19 जून से आषाढ़ महीने की गुप्त नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है. आने वाले नौ दिनों तक देवी के नौ रूपों की धूमधाम से पूजा की जाएगी. हर साल आषाढ़ महीने में गुप्त नवरात्रि की शुरुआत शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से ही होती है. इस साल यानी 2023 में गुप्त नवरात्रि 19 जून से शुरू होकर 28 जून तक चलेगी. इन दिनों देवी के नौ रूपों की पूजा अर्चना करना काफी शुभ माना जाता है. मान्यता है कि यदि इस दौरान भक्त पूरे श्रद्धा भाव से देवी की आराधना और पूजा करते हैं तो उन्हें मनचाहा आशीर्वाद मिलता है. हालांकि गुप्त नवरात्रि में गुप्त रूप से पूजा करने की मान्यता है. आइए जानते हैं कि क्या है पूजा करने का सही तरीका जो आपके लिए शुभ फलदायी होगा.
गुप्त नवरात्री के लिए 18 जून को सुबह 10 बजकर 6 मिनट से प्रतिपदा तिथि शुरू होकर 19 जून को सुबह 11 बजकर 25 मिनट तक रहेगी. हालांकि आज यानी कि 19 जून को ही व्रत और पूजा का दिन माना जाएगा. सुबह 5 बजकर 23 मिनट से पूजा का शुभ महूर्त शुरू होकर 7 बजकर 27 मिनट तक यानी कि 2 घंटा 4 मिनट तक चलेगा. इस दौरान यदि आप कलश स्थापना करते हैं तो ये शुभ होगा.
ब्रह्म महूर्त में उठकर स्नान करें
घर के पूजाघर की साफ-सफाई करें और शुभ महूर्त देखकर माता का कलश स्थापित करें.
पूरे 9 दिन तक माता के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा करें. गुप्त नवरात्रि को इच्छापूर्ति के लिए खास माना जाता है जहां माता की पूजा अर्चना करने से सिद्धि प्राप्त होती है.
9 दिन तक सुबह और शाम माता की पूजा आरती करें. साथ ही दुर्गा चालीसा और दुर्गा सप्तशती का पाठ करें.
लौंग पूजा के समय, कपूर हवन के दौरान अर्पण करें.
इसके साथ सिंदूर का तिलक लगाए और बताशे का भोग चढ़ाएं.
लाल चुंदरी उढ़ाना भी काफी शुभ माना जाता है जिससे देवी प्रसन्न होकर आशीर्वाद देती हैं.
गुप्त नवरात्रि में 9 दिन तक तामसिक भोजन (लहसुन,प्याज, मांस-मदिरा जैसी चीजें) ना खाएं.
गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन और वस्त्र दान करें.
पति-पत्नी को गुप्त नवरात्रि में ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए.
किसी के प्रति मन में बुरे ख्याल न आने दें
महिलाएं मासिक धर्म के दौरान गलती से भी माता की पूजा न करें.
इतना ही नहीं महिलाओं को इस दौरान किसी भी पूजा की सामग्री को हाथ नहीं लगाना चाहिए.
बाल और नाखून कटवाने चाहिए.