September 28, 2024
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मृत्यु के समय व्यक्ति चाहकर भी क्यों नहीं बोल पाता, गरुड़ पुराण में जानिए इसका रहस्य

मृत्यु के समय व्यक्ति चाहकर भी क्यों नहीं बोल पाता, गरुड़ पुराण में जानिए इसका रहस्य

  • WRITTEN BY: Anjali Singh
  • LAST UPDATED : September 27, 2024, 10:36 pm IST

नई दिल्ली: मृत्यु एक ऐसी सच्चाई है, जिसे कोई भी टाल नहीं सकता। हम सभी जानते हैं कि एक दिन यह जरूर आएगी, फिर भी हम इस सच का सामना करने के लिए कभी तैयार नहीं होते। जब मौत पास आती है, तो हमें अपनों के प्रति मोह और भी बढ़ जाता है। उस समय व्यक्ति बहुत कुछ कहना चाहता है, लेकिन चाहकर भी बोल नहीं पाता। आखिर ऐसा क्यों होता है? इसका जवाब गरुड़ पुराण में मिलता है।

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मृत्यु के समय क्यों बंद हो जाती है जुबान?

गरुड़ पुराण के अनुसार, जब मृत्यु का समय आता है, तो यमराज के दो दूत मरने वाले के पास आकर खड़े हो जाते हैं। उन्हें देखकर व्यक्ति घबरा जाता है और समझ जाता है कि अब उसका समय आ गया है। वह अपने परिवार से कुछ कहना चाहता है, लेकिन यमदूत यमपाश से उसके प्राण खींचने लगते हैं। इस वजह से उसकी जुबान बंद हो जाती है, और वह सिर्फ “घर, घर” जैसी आवाजें निकाल पाता है।

मृत्यु के समय दिखते हैं जीवन के कर्म

गरुड़ पुराण में कहा गया है कि जब यमदूत प्राण खींचते हैं, तब व्यक्ति की आंखों के सामने उसके जीवन की सभी घटनाएं तेजी से गुजरती हैं। यही घटनाएं उसके कर्म बनती हैं, जिनके आधार पर यमराज उसका न्याय करते हैं। इसलिए जीवन में अच्छे कर्म करना बहुत जरूरी है, ताकि मरते समय आत्मा को शांति मिले।

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मोह से मुक्त व्यक्ति को नहीं होती पीड़ा

भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि व्यक्ति को अपने कर्म करते रहना चाहिए और मोह-माया में नहीं फंसना चाहिए। जो लोग मोह से मुक्त होते हैं, उन्हें मृत्यु के समय ज्यादा कष्ट नहीं होता। लेकिन जो लोग मोह को छोड़ नहीं पाते, उनके प्राण यमदूत जबरन खींचते हैं, जिससे उन्हें बहुत पीड़ा होती है। इसलिए, जीवन में हमें अच्छे कर्म करने चाहिए और मोह-माया से खुद को दूर रखना चाहिए, ताकि मृत्यु के समय हमें शांति मिल सके।

 

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