September 17, 2024
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आखिर क्यों गौ दान को मृत्यु से पहले जरूरी माना गया है? जानिए क्या है रहस्य

  • WRITTEN BY: Shweta Rajput
  • LAST UPDATED : September 10, 2024, 1:53 pm IST

नई दिल्ली: गौ दान को भारतीय संस्कृति में सबसे महत्वपूर्ण और पवित्र कार्य माना जाता है। यह न केवल धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसमें गहरे आध्यात्मिक और सामाजिक अर्थ भी छिपे हुए हैं। विशेष रूप से मृत्यु से पहले गौ दान करने की परंपरा को अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके पीछे कई धार्मिक और सांस्कृतिक कारण हैं, जिन्हें समझना महत्वपूर्ण है।

गौ दान का धार्मिक महत्व

हिंदू धर्म में गौ माता को विशेष स्थान दिया गया है। वेदों, पुराणों और शास्त्रों में गाय को माता के रूप में वर्णित किया गया है। गौ माता के दूध, गोबर और गोमूत्र को पवित्र माना गया है और उनका उपयोग धार्मिक अनुष्ठानों में किया जाता है। मान्यता है कि गाय में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास होता है, इसलिए गाय की सेवा और उसकी रक्षा करना धर्म का पालन माना जाता है। जब कोई व्यक्ति मृत्यु के करीब होता है, तो उसके जीवन के सभी पापों के शुद्धिकरण और मुक्ति के लिए गौ दान करना अनिवार्य माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, मृत्यु के बाद आत्मा को स्वर्गलोक की यात्रा करनी होती है, और इस यात्रा में कई कठिनाईयां होती हैं। गौ दान से व्यक्ति को उन कठिनाईयों से मुक्ति मिलती है और आत्मा को स्वर्ग तक पहुंचने में सहायता मिलती है।

धार्मिक ग्रंथों में गौ दान का महत्व

विभिन्न धार्मिक ग्रंथों में गौ दान के महत्व का वर्णन किया गया है। “गरुड़ पुराण” और “स्कंद पुराण” जैसे ग्रंथों में उल्लेख किया गया है कि मृत्यु से पहले गौ दान करने से आत्मा को यमलोक की कठिनाइयों से मुक्ति मिलती है। “विष्णु धर्मसूत्र” में भी कहा गया है कि गौ दान करने वाला व्यक्ति स्वर्ग के उच्चतम स्थान पर पहुंचता है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। शास्त्रों के अनुसार, गाय की पूंछ पकड़कर आत्मा वैन नदी (जो मृत्यु के बाद पार करनी होती है) को बिना किसी बाधा के पार करती है। इसलिए, गौ दान को मृत्यु से पहले करने से आत्मा को शांति मिलती है और अगले जन्म में अच्छा जीवन मिलता है।

सामाजिक और आर्थिक दृष्टिकोण

गौ दान केवल धार्मिक कृत्य ही नहीं है, बल्कि इसका सामाजिक और आर्थिक महत्व भी है। पुराने समय में गाय को संपत्ति और धन का प्रतीक माना जाता था। इसलिए, जब कोई व्यक्ति गौ दान करता है, तो वह न केवल अपनी आध्यात्मिक उन्नति के लिए, बल्कि समाज को भी एक सकारात्मक संदेश देता है। गाय की सेवा और दान से समाज में गरीबी और भूख को कम करने में मदद मिलती है। इसके अलावा, गौ दान करने से कृषि और पर्यावरण को भी लाभ मिलता है। गाय के गोबर और गोमूत्र से प्राकृतिक खाद और कीटनाशक बनते हैं, जो भूमि की उपजाऊ शक्ति को बढ़ाते हैं और किसानों की मदद करते हैं। इस प्रकार, गौ दान केवल एक धार्मिक कृत्य नहीं है, बल्कि समाज और पर्यावरण के लिए भी लाभकारी है।

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