नई दिल्ली। मक्का-मदीना इस्लाम में सबसे पवित्र स्थल माना जाता है। यहां पर पैगंबर मोहम्मद का जन्म हुआ था। ज्यादातर लोग ये नहीं जानते होंगे कि मक्का-मदीना में असल में है क्या? सऊदी अरब में मक्का और मदीना दो शहर हैं जहां पर हज यात्रा होती है। कहा जाता है कि इस्लाम का जन्म यहीं […]
नई दिल्ली। मक्का-मदीना इस्लाम में सबसे पवित्र स्थल माना जाता है। यहां पर पैगंबर मोहम्मद का जन्म हुआ था। ज्यादातर लोग ये नहीं जानते होंगे कि मक्का-मदीना में असल में है क्या? सऊदी अरब में मक्का और मदीना दो शहर हैं जहां पर हज यात्रा होती है। कहा जाता है कि इस्लाम का जन्म यहीं पर हुआ। यह इतना पवित्र स्थल है कि यहां प्रवेश करने वालों के लिए खास नियम बनाया गया है।
भारत के कुछ मौलानाओं के मुताबिक यहाँ पर सिर्फ हिन्दू ही नहीं बल्कि अन्य धर्मों के लोगों का भी प्रवेश वर्जित है। मक्का में कोई भी गैर मुसलमान नहीं जा सकता लेकिन मदीना के कुछ जगहों पर प्रवेश ले सकते हैं। मदीना के कुछ हिस्से मुस्लिमों के लिए सीमित रखे गए हुए हैं। अगर आप नॉन मुस्लिम हैं तो मक्का में नहीं जा सकते लेकिन मदीना के कुछ हिस्सों में जा सकते हैं।
मक्का इस्लाम में सबसे पवित्र स्थल है, यहाँ पैगंबर मोहम्मद का जन्म भी हुआ और कुरान का पहला उपदेश भी दिया गया था। सबसे पहली मस्जिद यहीं पर बनी थी। मक्का में काबा है( मस्जिद के बीच काले पत्थर की इमारत जैसी) . मुस्लिम इसकी परिक्रमा करते हैं क्योंकि इसे अल्लाह का घर माना जाता है। मदीना दूसरा सबसे पवित्र स्थल कहा गया है क्योंकि पैगंबर बाद में यही चले गए थे। यहां हिन्दू इसलिए नहीं आ सकते क्योंकि वो कई ईश्वर को मानते हैं।
कुंभ में मुस्लिमों के प्रवेश को वर्जित करने के बाद सोशल मीडिया पर फ़ैल रहा है कि रावण की बहन शूर्पणखा ने मक्का-मदीना शहर बसाया था। रावण की मृत्यु के पश्चात वह शुक्राचार्य के पास गई थीं। शुक्राचार्य ने भारत से दूर भगवान शिव की लिंग की स्थापना की, जो आज मक्का-मदीना के नाम से जाना जाता है। हालांकि यह एक मिथक है।
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