नई दिल्ली: दिवाली के 15 दिन बाद देव दिवाली मनाई जाती है .दिवाली का त्योहार कार्तिक अमावस्या को होता है. बता दें देव दिवाली कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है. वहीं इसे देवताओं की दीपावली कहते है. दिवाली इस साल 31 अक्टूबर के दिन मनाई गई है. ठीक इसके 15 दिन बाद यानी 15 […]
नई दिल्ली: दिवाली के 15 दिन बाद देव दिवाली मनाई जाती है .दिवाली का त्योहार कार्तिक अमावस्या को होता है. बता दें देव दिवाली कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है. वहीं इसे देवताओं की दीपावली कहते है. दिवाली इस साल 31 अक्टूबर के दिन मनाई गई है. ठीक इसके 15 दिन बाद यानी 15 नवंबर को देव दीपावली मनाई जाएगी. परंतु क्या आप जानते हैं कि आखिर कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही देव दिवाली क्यों मनाई जाती है. क्या है इसके पीछे की वजह जानिए देव दिवाली से जुड़ी कुछ अहम बातें
देव दीपावली 15 नवंबर को मनाई जाएगी. वहीं कार्तिक पूर्णिमा का आरंभ 15 नवंबर 2024 को सुबह 06:19 से होगा. प्रदोष काल में पूजा का मुहूर्त शाम 5:10 से 07:47 तक है. पूजा करने के लिए कुल 2 घंटे 37 मिनट है.
कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिवाली मनाने के पीछे का वजह यह है कि इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नाम के राक्षस का वध किया था. राक्षस के वध की खुशी से देवताओं ने स्वर्ग में दीप जलाकर दिवाली मनाई थी. धार्मिक व पौराणिक कथाओं के मुताबिक त्रिपुरासुर राक्षस ने अपनी शक्ति से तीनों लोकों पर राज जमा लिया था और देवताओं पर अत्याचार करना शुरू कर दिया था. त्रिपुरासुर के अत्याचार से तंग होकर सभी देवतागण भगवान शिव के पास पहुंचे. तब भगवान शिव ने कार्तिक पूर्णिमा के दिन त्रिपुरासुर राक्षस का वध किया और देवताओं को उसके अत्याचार से मुक्ति दिलाई. इसीलिए कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिवाली मनाई जाती है.
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