आयशा वो महिला थीं जिसे पैगंबर सबसे अधिक प्रेम करते थे। आयशा के पिता अबू बकर को पैगंबर मुहम्मद अपने सभी साथियों में सबसे अधिक प्यार करते थे, उन्होंने हमेशा पैगंबर का साथ दिया था। पैगंबर कहते थे कि अबू बकर ऐसे व्यक्ति हैं, जिनक ऋण मैं कभी नहीं उतार सकता।
नई दिल्ली। इस्लाम में पैगंबर मोहम्मद की तीसरी पत्नी आयशा हजरत का ख़ास महत्व है। आयशा का जन्म 614 ईस्वी में मक्का में हुआ था। उनके जन्म का इस्लाम में खास महत्व हैं। आयशा अबू बक्र की बेटी थीं। आयशा जब 9 साल की उम्र थी तभी उनका निकाह पैगंबर से हुआ था। आयशा की उम्र को लेकर कई तरह के सवाल उठते हैं कि आखिर क्यों पैगंबर ने एक छोटी सी बच्ची से शादी कर ली। आइये जानते हैं इसके पीछे का कारण-
आयशा वो महिला थीं जिसे पैगंबर सबसे अधिक प्रेम करते थे। आयशा के पिता अबू बकर को पैगंबर मुहम्मद अपने सभी साथियों में सबसे अधिक प्यार करते थे। उन्होंने हमेशा पैगंबर का साथ दिया था। पैगंबर कहते थे कि अबू बकर ऐसे व्यक्ति हैं, जिनका ऋण मैं कभी नहीं उतार सकता। पैगंबर को आयशा से निकाह करने के लिए दिव्य आदेश दिया गया था। फरिश्ता गेब्रियल ने एक महिला के हाथों पैगंबर को सन्देश भिजवाया कि इस दुनिया और परलोक में आपकी पत्नी आयशा ही है। अल्लाह की मर्जी को पैगंबर टाल नहीं सकते थे और उन्होंने आयशा से निकाह किया।
कहा जाता है कि एक बार किसी धार्मिक दौरे के दौरान आयशा अपने शौहर पैगंबर मोहम्मद से बिछड़ गईं। तब वो महज तेरह साल की रही होगी। वो रेगिस्तान में भटक रहीं थीं। फिर किसी व्यक्ति ने उन्हें मोहम्मद साहब तक पहुंचाने में मदद की थी। विरोधियों ने आयशा के बारे में उल्टे-सीधे आरोप लगाए। उनके चरित्र पर उंगली उठाया। उन आरोपों पर पवित्र कुरान की गवाही दर्ज की गई। कुरान में उन लोगों के लिए विशेष तौर पर दंड का प्रावधान है जो औरतों की गरिमा पर सवाल खड़े करते हैं।
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