Ramayan: रामायण और महाभारत की कथाएं हमें तरह-तरह की सीख देती है। रामायण की कहानी को हम स्कूल टाइम में भी पढ़ते हैं। हालांकि इसमें से कई ऐसे किस्से हैं, जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। क्या आपको पता है कि जिस शूर्पणखा की वजह से राम और रावण का युद्ध हुआ, वो […]
Ramayan: रामायण और महाभारत की कथाएं हमें तरह-तरह की सीख देती है। रामायण की कहानी को हम स्कूल टाइम में भी पढ़ते हैं। हालांकि इसमें से कई ऐसे किस्से हैं, जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। क्या आपको पता है कि जिस शूर्पणखा की वजह से राम और रावण का युद्ध हुआ, वो रावण की मौत के बाद सीता माता से मिलने गईं थीं।
रावण की मौत के बाद शूर्पणखा का बदला पूरा नहीं हुआ था। जब शूर्पणखा को पता चला कि राम ने सीता का त्याग कर दिया है तो वह बहुत खुश हुई और सोचा कि सीता को तकलीफ पहुंचाने का अभी सही समय है। शूर्पणखा यह जानकर बेहद खुश हुई कि सीता राम के लिए वो स्त्री है जो दूसरे के घर में इतने दिनों तक रही। इसके बाद वह सीता माता से मिलने पहुंची। वहां जाकर शूर्पणखा ने माता सीता का मज़ाक उड़ाया। उसने जानकी से कहा कि राम ने अब उन्हें ऐसे ही अस्वीकार कर दिया है, जैसे एक बार शूर्पणखा का किया था।
शूर्पणखा ने आगे सीता को अपने उन अपमानों को याद दिलाया, जो उसने सहे थे। अब सीता का भाग्य शूर्पणखा जैसा हो गया है, क्योंकि राम उनका परित्याग कर चुके हैं। शूर्पणखा की बातों को माता सुन रही थीं। जानकी शूर्पणखा को किसी तरह का उत्तर देने के बदले मुस्कुराने लगी उसे खाने के लिए जामुन दिया। उन्होंने कहा कि जामुन का स्वाद वैसा ही है, जैसा मंदोदरी के बगीचे के रहते हैं। सीता माता को ऐसे मुस्कुराते हुए देखकर शूर्पणखा और चिढ़ गई। माता सीता ने शूर्पणखा को बिना शर्त के प्रेम करने की सीख दी। उन्होंने शूर्पणखा को पुरानी बात भूलकर आगे बढ़ने को कहा।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारियां पौराणिक मान्यताओं पर आधारित है.
रावण की लंका में क्या खाती थीं सीता माता?