नई दिल्ली। आज देश भर में जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जा रहा है। भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कृष्ण जन्मोत्सव के रूप में यह त्योहार हर साल मनाया जाता है। भुवन मोहन कन्हैया के जन्मदिवस पर आज जानेंगे हम कि ऐसा क्या हुआ था कि भगवान को एक रात के लिए […]
नई दिल्ली। आज देश भर में जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जा रहा है। भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कृष्ण जन्मोत्सव के रूप में यह त्योहार हर साल मनाया जाता है। भुवन मोहन कन्हैया के जन्मदिवस पर आज जानेंगे हम कि ऐसा क्या हुआ था कि भगवान को एक रात के लिए किन्नर से शादी करनी पड़ी थी। कौन था वह किन्नर जिससे शादी करने के अगले दिन ही तीनों लोकों के स्वामी को विलाप करना पड़ा था।
महाभारत के तमिल अनुवाद में लिखा गया है कि अर्जुन और नागकन्या उलूपी के पुत्र इरावन एक किन्नर थे। उन्हें किन्नरों का देवता माना जाता है। इरावन न सिर्फ देखने में सुन्दर थे बल्कि युद्ध कौशल में उनकी कोई सानी नहीं थी। महाभारत युद्ध में उन्होंने अहम भूमिका निभाई। इरावन का जन्म एक पुरुष के तौर पर हुआ लेकिन श्राप से वो किन्नर बन गए। कहा जाता है कि महाभारत युद्ध के दौरान कृष्ण ने पांडवों से माता काली को बलि चढ़ाने को कहा। कोई अपनी बलि देने को तैयार नहीं था।
ऐसे में अर्जुन पुत्र इरावन आगे आये। हालांकि उन्होंने शर्त रखी कि बलि देने से पूर्व वो विवाह करना चाहते हैं। उनकी इच्छा जानकर हर कोई हैरान रह गया क्योंकि भला कोई कन्या किन्नर से शादी क्यों करती? साथ ही वो अगले ही पल विधवा हो जाती। तभी कृष्ण ने स्त्री का रूप धारण किया और इरावन से विवाह कर लिया। इरावन की मृत्यु के बाद भगवान अलगे दिन विधवा की तरह विलाप करते रहे।