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श्रीकृष्ण ने क्यों काट दिया था भीम के पौत्र का सिर

श्रीकृष्ण ने क्यों काट दिया था भीम के पौत्र का सिर

Mahabharat: मानव इतिहास में महाभारत जैसा विनाशकारी युद्ध आज तक नहीं हुआ है। धर्म और अधर्म के बीच हो रही लड़ाई में कुछ ऐसा भी चेहरे थे, जिन्हें अपनों के लिए जान गंवानी पड़ी। क्या आपको पता है कि महाभारत में एक ऐसा भी योद्धा था, जो कुछ सेकंड में अकेले ही कौरवों, पांडवों और कृष्ण की ताकतवर सेनाओं का विनाश कर सकता था।

संपूर्ण सेना का कर देता विनाश

महाभारत का युद्ध 18 दिनों तक चलता रहा। भगवान कृष्ण को पहले से विनाश का अंदाजा था। युद्ध शुरू होने से पहले उन्होंने इस बात की समीक्षा की कि कौन किसके तरफ से युद्ध लड़ेगा। इस दौरान भगवान ने यह भी सबसे पूछा था कि उन्हें युद्ध खत्म करने में कितना वक़्त लगेगा। इसका जवाब देते हुए भीष्म पितामह ने कहा कि वह अकेले 20 दिन के अंदर युद्ध खत्म कर देंगे। गुरु द्रोणाचार्य ने 25 दिनों में युद्ध समाप्त करने की बात कही। वहीं जब यही सवाल भीम के पौत्र और घटोत्कच के पुत्र बर्बरीक से किया गया तो उन्होंने कहा कि वो सिर्फ एक बाण से कौरवों, पांडवों और कृष्ण की ताकतवर सेनाओं का विनाश कर सकते हैं।

कृष्ण ने छल से काट दिया सिर

पौराणिक कथाओं के अनुसार बर्बरीक के पास तीन बाण थे। हालांकि उनकी यह शर्त थी कि वो उसी का साथ देंगे जो युद्ध में हार रहा होगा। उनका यह प्रण पांडवों के लिए मुसीबत का कारण बन गया। श्रीकृष्ण ने देखा कि अगर बर्बरीक अगर युद्ध में उतरे तो जीता हुआ रण पांडव हार जायेंगे। जिसके बाद उन्होंने छल से बर्बरीक का सिर काट दिया। हालांकि कृष्ण के वरदान स्वरुप बर्बरीक के कटे सिर ने पूरा युद्ध देखा। भगवान कृष्ण ने उन्हें यह भी वरदान किया कि वो खाटू नाम की जगह पर श्याम के नाम से जाने जायेंगे। लोग उनकी पूजा करेंगे।

 

 

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