अध्यात्म

कौन हैं छठी मैया, जानिए क्या है उनकी महिमा और भगवान कार्तिकेय से संबंध?

नई दिल्ली: छठी मैया की पूजा हिंदू धर्म में एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व के रूप में मनाई जाती है, जिसे छठ पूजा के नाम से जाना जाता है। यह पर्व विशेष रूप से उत्तर भारत के राज्यों जैसे बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश में धूमधाम से मनाया जाता है। छठी मैया को सूर्य देवता की बहन माना जाता है और इन्हें ऊर्जा, शक्ति, और सुख-समृद्धि की देवी के रूप में पूजा जाता है। इस पूजा का संबंध सूर्य की उपासना से है, जिसमें सूर्य देव और उनकी बहन छठी मैया को प्रसन्न कर मनोकामनाएँ पूरी करने की कामना की जाती है।

छठी मैया का महत्व

छठी मैया की पूजा खासतौर पर कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को की जाती है। मान्यता है कि इस दिन छठी मैया की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में स्वास्थ्य, सुख-समृद्धि, और संतान-सुख की प्राप्ति होती है। छठ पर्व चार दिनों का होता है, जिसमें व्रत, जल में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य देना, और सूर्यास्त के बाद पूजा की जाती है। छठी मैया की पूजा में महिलाएं विशेष रूप से हिस्सा लेती हैं और अपनी संतान की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती हैं।

भगवान कार्तिकेय से संबंध

छठी मैया का संबंध भगवान कार्तिकेय से भी जोड़ा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान कार्तिकेय जिन्हें देवताओं के सेनापति भी कहा जाता है, का जन्म कार्तिक मास में हुआ था। इसीलिए इस मास में छठ पूजा मनाई जाती है। भगवान कार्तिकेय के कारण ही इस महीने में शक्ति, साहस और ऊर्जा का विशेष महत्व माना जाता है, और सूर्य की उपासना के साथ ही उनकी बहन छठी मैया की भी पूजा होती है। कार्तिकेय भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र हैं, और छठ पूजा को माता-पिता के प्रति श्रद्धा और समर्पण का प्रतीक भी माना जाता है।

छठी मैया की पूजा की प्रक्रिया

चार दिनों के इस पर्व में पहले दिन नहाय-खाय से व्रत की शुरुआत होती है। दूसरे दिन व्रतधारी खरना का पालन करते हैं, जिसमें उपवास रखकर शाम को पूजा अर्चना के बाद प्रसाद ग्रहण किया जाता है। तीसरे दिन, सूर्यास्त के समय जल में खड़े होकर सूर्य देवता को अर्घ्य दिया जाता है। चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देकर पूजा संपन्न होती है। व्रतधारी इस दौरान जल, दूध, और प्रसाद से सूर्य देव और छठी मैया की आराधना करते हैं।

छठी मैया की पूजा से जुड़े लाभ

छठ पूजा के दौरान भक्त मन, वचन और कर्म से पवित्र बने रहते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, छठी मैया की कृपा से व्यक्ति के जीवन में खुशहाली आती है, शारीरिक कष्ट दूर होते हैं, और संतान-सुख की प्राप्ति होती है। साथ ही, यह पूजा हमें प्रकृति और सूर्य की महत्ता का भी आभास कराती है। छठ पूजा का यह पर्व प्रकृति और परमात्मा के प्रति हमारी आस्था को मजबूत करता है। यह पर्व न केवल व्यक्तिगत जीवन में बल्कि सामूहिक रूप से भी सामाजिक और सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा देता है।

Also Read…

तेजस्वी यादव का हो सकता है हाल खराब, RJD का जाने वाला है सत्ता, जन सुराज लहराएगी परचम

कहीं बेंगलुरु-पुणे जैसा न हो जाए हाल! तीसरे टेस्ट में जीत के लिए टीम इंडिया को दूर करनी होगी सबसे बड़ी कमजोरी

Shweta Rajput

Recent Posts

छोटी से मोमबत्ती ने मचाया हाहाकार, घर में लगी आग झुलस गया पूरा परिवार

भागलपुर जिले में एक दर्दनाक हादसे की घटना सामने आई है. घटना की जानकारी के…

6 minutes ago

विराट कोहली कैच छोड़ने में नंबर 1, बाबर आजम का भी तोड़ा रिकॉर्ड

पिछले दो साल से कैच छोड़ने के लिस्ट मे ऑस्ट्रेलिया के ओपनिंग बल्लेबाज डेविड वॉर्नर…

11 minutes ago

कैंसर का मरीज स्टेज 4 से ठीक हो सकता हैं! ये नवजोत सिंह सिद्धू ने कर दिखाया

नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू को चौथे स्टेज का ब्रेस्ट कैंसर था।…

16 minutes ago

यूक्रेन की मदद कर रहे देशों पर भी करेंगे हमला… बैलिस्टिक मिसाइल दागने के बाद बोले पुतिन

रूस और यूक्रेन के युद्ध में पहली बार इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) का इस्तेमाल हुआ.…

25 minutes ago

महाराष्ट्र में ये नेता तय करेगा किसकी सरकार, अभी से ही डाले जा रहे डोरे

दो राज्यों महाराष्ट्र और झारखंड में हुए चुनाव के परिणाम शनिवार को आ जाएंगे. दोनों…

29 minutes ago

महाकुंभ में इन चीजों पर लगी पाबंदी, भूलकर भी अपने संग न ले जाएं

महाकुंभ 2025 में कल्पवासियों के टेंट में हीटर, ब्लोवर और इमर्सन रॉड जैसे उपकरणों के…

30 minutes ago