नई दिल्ली: हनुमान चालीसा भारतीय संस्कृति और धार्मिक धरोहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस अद्वितीय स्तोत्र की रचना गोस्वामी तुलसीदास ने की थी। तुलसीदास जी, जिन्होंने प्रसिद्ध रामचरितमानस भी लिखी है, उन्होंने 16वीं सदी में हनुमान चालीसा की रचना की। हनुमान चालीसा 40 चौपाइयों का एक संग्रह है, जो भगवान हनुमान की स्तुति और […]
नई दिल्ली: हनुमान चालीसा भारतीय संस्कृति और धार्मिक धरोहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस अद्वितीय स्तोत्र की रचना गोस्वामी तुलसीदास ने की थी। तुलसीदास जी, जिन्होंने प्रसिद्ध रामचरितमानस भी लिखी है, उन्होंने 16वीं सदी में हनुमान चालीसा की रचना की। हनुमान चालीसा 40 चौपाइयों का एक संग्रह है, जो भगवान हनुमान की स्तुति और शक्ति का वर्णन करता है।
नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति को मानसिक शांति और धैर्य प्राप्त होता है। यह आपके मन को शांत करता है और नकारात्मक विचारों को दूर करता है।
ऐसा माना जाता है कि हनुमान चालीसा पढ़ने से व्यक्ति नकारात्मक शक्तियों और बुरी नजर से सुरक्षित रहता है। यह आपके चारों ओर एक सकारात्मक ऊर्जा का घेरा बनाता है।
हनुमान चालीसा का नियमित पाठ न केवल मानसिक बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी माना जाता है। यह तनाव और चिंता को कम करता है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में सुधार हो सकता है।
हनुमान चालीसा का पाठ शत्रुओं और विरोधियों से सुरक्षा प्रदान करता है। यह व्यक्ति को साहस और शक्ति देता है जिससे वह अपने विरोधियों का सामना कर सके।
हनुमान चालीसा का पाठ सुबह या शाम के समय शांत और साफ स्थान पर किया जा सकता है। इसे हनुमान जी के समक्ष बैठकर श्रद्धा और समर्पण भाव से पढ़ा जाना चाहिए। सप्ताह के किसी भी दिन, विशेषकर मंगलवार और शनिवार को इसका पाठ करना अधिक प्रभावी माना जाता है।
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