नई दिल्ली. दिवाली बहुत बड़ा त्योहार है और देश भर में इसे बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है, पांच दिनों तक चलने वाले इस त्योहार की शुरुआत धनतेरस से होती है और इसके अगले दिन छोटी दिवाली उर्फ़ नरक चतुर्दशी और उसके अगले दिन दिवाली मनाई जाती है. दिवाली के अगले दिन गोवर्धन […]
नई दिल्ली. दिवाली बहुत बड़ा त्योहार है और देश भर में इसे बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है, पांच दिनों तक चलने वाले इस त्योहार की शुरुआत धनतेरस से होती है और इसके अगले दिन छोटी दिवाली उर्फ़ नरक चतुर्दशी और उसके अगले दिन दिवाली मनाई जाती है. दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है और इसके अगले दिन भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है, इस तरह से ये त्योहार पांच दिनों तक चलता है. लेकिन इस बार 23 अक्टूबर को धनतेरस का त्योहार मनाया जाएगा और 24 अक्टूबर को बड़ी दिवाली, ऐसे में लोगों के मन में इस बात को लेकर कंफ्यूशन है कि नरक चतुर्दशी कब मनाई जाएगी. तो आइए, आज आपकी इस कंफ्यूशन को दूर करते हैं.
नरक चतुर्दशी को रूप चतुर्दशी या रूप चौदस के नाम से भी जाना जाता है. ज्योतिषाचार्य के मुताबिक 23 अक्टूबर को शाम 06 बजकर 04 मिनट से नरक चतुर्दशी का मुहूर्त शुरू हो जाएगा जो 24 अक्टूबर को शाम 05:27 तक रहेगा, अब चूंकि उदया तिथि को माना जाता है, इस हिसाब से नरक चतुर्दशी 24 अक्टूबर को है, और इसी दिन ये मनाई जाएगी, बता दें 24 अक्टूबर की शाम 05:28 मिनट से अमावस्या तिथि शुरू हो जाएगी, जो 25 अक्टूबर को शाम 04:18 मिनट तक रहने वाली है. अगले दिन सूर्य ग्रहण है और उस दिन त्योहार नहीं मनाया जा सकता, इसलिए अमावस्या की पूजा यानी बड़ी दिवाली का त्यौहार 24 अक्टूबर को ही होगा.
नरक चतुर्दशी के दिन दीया जलाने का शुभ मुहूर्त 5 बजे से 6 बजे तक रहेगा. शाम को 06 बजकर 43 मिनट से दिवाली की पूजा का अति शुभ समय शुरू हो जाएगा, जो रात 08 बजकर 40 मिनट तक रहने वाला है इसलिए आप इससे पहले ही यम का दीपक जला लें.
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