नई दिल्ली : उत्पन्ना एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. मान्यता है कि इस दिन पूरे विधि विधान के साथ भगवान विष्णु की पूजा करने से भक्तों के सभी पाप नष्ट होते हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. उत्पन्ना एकादशी इस साल(2022) 20 नवंबर को पड़ रही है. मार्गशीर्ष माह […]
नई दिल्ली : उत्पन्ना एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. मान्यता है कि इस दिन पूरे विधि विधान के साथ भगवान विष्णु की पूजा करने से भक्तों के सभी पाप नष्ट होते हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. उत्पन्ना एकादशी इस साल(2022) 20 नवंबर को पड़ रही है. मार्गशीर्ष माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है साथ ही इस दिन भगवान विष्णु के लिए व्रत भी रखा जाता है.
सुबह जल्दी उठकर स्नान से होकर घर के मंदिर की सफाई कर लें. फिर दीप जलाएं और भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें.
भगवान विष्णु को नारियल, सुपारी, फल, लौंग, धूप, पंचामृत, अक्षत, चंदन और मिष्ठान चढ़ाएं और आरती करके भोग लगाएं.
ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाएं. और इस दिन भगवान विष्णु के भोग में तुलसी अवश्य शामिल करें. मान्यता है कि बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करेंगे.
विष्णु भगवान के साथ-साथ माता लक्ष्मी की पूजा भी करें.
एकादशी व्रत को करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और भक्तों को इस जन्म और पिछले जन्म के पापों से मुक्ति मिल जाती है. इस दिन व्रत रखने से सभी व्रतियों को मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है.
इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा जरूर करें.
भगवान विष्णु को गेंदे की माला या फूल अर्पित करें और बेसन के हलवे या किसी पीली मिठाई का ही भोग लगाएं.
पीले फलों, अन्न और वस्त्र का दान करें.
दक्षिणावर्ती शंख की पूजा करें और शंख में जल भर कर पूरे घर में छिड़कें.
सुबह भगवान की पूजा के बाद पीपल के पेड़ की पूजा करें. कच्चा दूध अर्पित करें.
इस दिन शाम को घी का दीपक जलाएं. इसे आपके घर में सुख और समृद्धि आएगी.
एकादशी वाले दिन भगवान विष्णु को केसर वाली खीर का भोग लगाएं. इसमें तुलसी को अवश्य शामिल करें. खीर को गरीबों में बांट दें.
भोजन और वस्त्रों का दान करने से भी आपको पुण्य की प्राप्ति होगी।
EWS आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर, 3 सवालों के जवाब पर अदालत ने दिया फैसला
EWS आरक्षण को हरी झंडी, सुप्रीम कोर्ट ने गरीब सवर्णों के हक में दिया फैसला