अध्यात्म

कब है कार्तिक माह का अंतिम प्रदोष व्रत, जानें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

नई दिल्ली: कार्तिक माह का अंतिम प्रदोष व्रत इस वर्ष विशेष धार्मिक महत्व के साथ मनाया जाएगा। प्रदोष व्रत हर महीने में दो बार पड़ता है—एक शुक्ल पक्ष में और दूसरा कृष्ण पक्ष में। इस बार का व्रत कार्तिक माह के अंत में है और इसे भगवान शिव की कृपा प्राप्ति के लिए रखा जाता है। प्रदोष व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन विशेष फलदायी माना गया है। आइए जानते हैं इसके शुभ मुहूर्त और पूजन विधि के बारे में।

व्रत का महत्व

प्रदोष का मतलब है – अंधकार को दूर करना। इस साल कार्तिक माह का आखिरी प्रदोष व्रत 13 नवंबर को मनाया जाएगा। प्रदोष व्रत के पालन से व्यक्ति के जीवन में आने वाली नकारात्मकता का नाश होता है। इसे करने से पापों का नाश और पुण्य का संचय होता है। विशेष रूप से जो लोग अपने जीवन में सुख-शांति और मानसिक शांति पाना चाहते हैं, उन्हें यह व्रत अवश्य करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की आराधना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। परिवार में सुख-समृद्धि आती है, और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी दूर होती हैं।

प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस प्रदोष व्रत के शुभ मुहूर्त की शुरुआत कार्तिक शुक्ल त्रयोदशी में 13 नवंबर दोपहर 01 बजकर 01 मिनट पर होगी। इसके साथ ही वहीं, इस तिथि का समापन 14 नवंबर सुबह 09 बजकर 43 मिनट पर होगा। ऐसे में प्रदोष व्रत बुधवार 13 नवंबर को रखा जाएगा। इस दिन का पूजा मुहूर्त शाम 05 बजकर 49 मिनट से रात 08 बजकर 25 मिनट तक रहेगा। इस अवधि में भगवान शिव का पूजन करना विशेष फलदायी माना गया है, क्योंकि यह समय प्रदोष काल का होता है, जो भगवान शिव को अति प्रिय है। प्रदोष व्रत के दौरान श्रद्धालु उपवास रखकर और विधिवत पूजन करके भगवान शिव से अपनी इच्छाओं को पूरी करने की कामना करते हैं।

प्रदोष व्रत की पूजन विधि

प्रदोष व्रत की पूजा विधि सरल और अत्यंत लाभकारी है। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा करके उन्हें प्रसन्न किया जा सकता है। पूजन विधि इस प्रकार है:

1. स्नान और संकल्प: सुबह स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें और भगवान शिव की पूजा करने का संकल्प लें। संकल्प के साथ व्रत का पालन करने का मन में निश्चय करें।

2. पूजा स्थान की सफाई: घर के पूजा स्थान या मंदिर को साफ करें और वहां शिवलिंग की स्थापना करें। शिवलिंग के समक्ष दीपक जलाएं।

3. भगवान शिव का अभिषेक: शिवलिंग पर दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल से अभिषेक करें। इस प्रक्रिया में “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।

4. पुष्प और बेलपत्र अर्पित करें: भगवान शिव को सफेद पुष्प, बेलपत्र और धतूरा अर्पित करें। यह माना जाता है कि शिव जी को ये चीजें अत्यधिक प्रिय हैं।

5. धूप-दीप और भोग: शिवलिंग के समक्ष धूप-दीप जलाकर भगवान शिव की आरती करें। उन्हें मीठा भोग लगाएं।

6. भगवान शिव का ध्यान और मंत्र जाप: प्रदोष व्रत के दौरान भगवान शिव के “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें और ध्यान करें। इससे मानसिक शांति प्राप्त होता है।

Also Read…

ऐसा होता है मौत के बाद का संसार, जानें गरुड़ पुराण में लिखी आत्मा और नरक की सच्चाई

BJP को लोगों ने नकारना शुरु किया, जनता के सामने खुली पोल, योगी-मोदी की टूट जाएगी जोड़ी!

Shweta Rajput

Recent Posts

पाकिस्तान हर जगह बदनाम, अब इन मुस्लिम देशों ने वीजा देने से किया इनकार

पाकिस्तानी नागरिकों के विदेश में भीख मांगने और ड्रग तस्करी, मानव तस्करी और अन्य आपराधिक…

41 minutes ago

महाराष्ट्र: महायुति से करीबी बढ़ा रहे उद्धव ठाकरे! क्या फिर से बदलेंगे पाला?

कुछ दिनों पहले उद्धव ने अपने बेटे आदित्य ठाकरे के साथ मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से…

3 hours ago

धर्म की जानकारी नहीं इसीलिए… संघ प्रमुख मोहन भागवत का एक और बड़ा बयान

महाराष्ट्र के अमरावती में महानुभाव आश्रम के शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए भागवत ने…

4 hours ago

ब्राजील प्लेन क्रैश: घायलों में किसी का भी बचना मुश्किल, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्लेन एक घर की चिमनी से टकरा गया। इसके बाद वह…

5 hours ago

दिल्ली: हर समस्या का समाधान करेंगे, एलजी सक्सेना की वीडियो पर बोलीं सीएम आतिशी

मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि मैं एलजी साहब का धन्यवाद देना चाहती हूं कि उन्होंने…

7 hours ago

हिंदी-इंग्लिश विवाद से बढ़ी हलचल, क्या रवींद्र जडेजा के कारण रद्द हुआ टी20 मैच?

रवींद्र जडेजा की प्रेस कॉन्फ्रेंस विवाद के कारण एक टी20 मैच रद्द किए जाने की…

9 hours ago