नई दिल्ली: शारदीय नवरात्रि का पर्व हर साल की तरह इस बार भी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाएगा। वहीं नवरात्रि की शुरुआत इस साल 03 अक्तूबर से होगी और इसका समापन 11 अक्तूबर को होगा। इन नौ दिनों तक माता दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की विधिवत पूजा की जाती है। इस दौरान […]
नई दिल्ली: शारदीय नवरात्रि का पर्व हर साल की तरह इस बार भी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाएगा। वहीं नवरात्रि की शुरुआत इस साल 03 अक्तूबर से होगी और इसका समापन 11 अक्तूबर को होगा। इन नौ दिनों तक माता दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की विधिवत पूजा की जाती है। इस दौरान भक्त देवी के विभिन्न रूपों की आराधना कर उनसे अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इसके साथ ही, भक्त नौ दिन तक अलग-अलग रंगों के वस्त्र धारण कर मां को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं।
नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना की जाती है, जिसे नवरात्रि की पूजा का प्रारंभिक और सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है। इस साल शारदीय नवरात्रि पर घटस्थापना के लिए दो शुभ मुहूर्त उपलब्ध हैं। बता दें, घटस्थापना का पहला शुभ मुहूर्त प्रातः 6:15 से 7:22 बजे तक का है, जिसमें भक्तों को 1 घंटे 6 मिनट का समय मिलेगा। यदि आप सुबह के समय घटस्थापना करना चाहते हैं, तो यह समय सबसे अच्छा रहेगा। इसके बाद दूसरा शुभ मुहूर्त दिन में 11:46 से 12:33 बजे तक रहेगा, जो कुल 47 मिनट का है। इस समय भी कलश स्थापना की जा सकती है।
नवरात्रि के दौरान भक्त मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए उनके 16 श्रृंगार का उपयोग करते हैं। यह 16 श्रृंगार मां दुर्गा की पूजा में विशेष महत्व रखते हैं और इन्हें माता के श्रृंगार के रूप में समर्पित किया जाता है।
16 श्रृंगार : लाल चुनरी, लाल चूड़ियां, बिंदी, सिंदू, शीशा, काजल, मेहंदी, बिछिया, महावर, इत्र, चोटी, गले के लिए माला या मंगलसूत्र, पायल, नेल पेंट, लिपस्टिक, रबर बैंड, नथ, गजरा, मांग टीका, कान की बाली, कंघी आदि।
माता दुर्गा के श्रृंगार के साथ साथ भक्त नौ दिनों तक अलग-अलग भोग भी अर्पित करते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, सच्चे मन से मां दुर्गा की पूजा करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है।
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