नई दिल्ली: इस वर्ष जन्माष्टमी का पावन अवसर 26 अगस्त 2024 को मनाया जा रहा है। भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव का यह 5251वां साल है, जिसे पूरे देश में श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाने की तैयारियां की जा रही है। श्री कृष्ण को भगवान विष्णु के आठवें अवतार के रूप में पूजा जाता […]
नई दिल्ली: इस वर्ष जन्माष्टमी का पावन अवसर 26 अगस्त 2024 को मनाया जा रहा है। भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव का यह 5251वां साल है, जिसे पूरे देश में श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाने की तैयारियां की जा रही है। श्री कृष्ण को भगवान विष्णु के आठवें अवतार के रूप में पूजा जाता है और जन्माष्टमी का यह त्यौहार भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन को मनाया जाता है।
इस दिन भक्तगण लड्डू गोपाल के बाल स्वरूप की पूजा करते हैं। पूरे दिन उपवास रखकर रात के समय श्री कृष्ण के जन्मोत्सव का इंतजार किया जाता है। निशिता काल यानी रात के समय श्री कृष्ण का जन्म होता है और पूजा-अर्चना करने के बाद लड्डू गोलाप को 56 भोग लगया जाता हैं। इसके बाद प्रसाद ग्रहण कर व्रत को पूरा किया जाता है।
इस वर्ष निशिता काल में पूजा का शुभ मुहूर्त 27 अगस्त को रात 12:01 बजे से 12:45 बजे तक रहेगा। इस समय के दौरान भक्तजन कान्हा जी की आराधना कर उनके जन्मोत्सव को धूमधाम से मना सकते हैं। वहीं व्रत समाप्ति का समय 27 अगस्त को रात 12:45 के बाद शुरू होगा यानी निशिता काल के बाद आपका व्रत पूरा होगा।
जन्माष्टमी 2024 की अष्टमी तिथि 26 अगस्त को सुबह 3:39 बजे प्रारंभ हो चुकी है और 27 अगस्त को सुबह 2:19 बजे यह समाप्त होगी। इस विशेष दिन के लिए भक्तगण पहले से ही तैयारियों में जुट जाते हैं और भगवान श्री कृष्ण की पूजा-अर्चना के लिए विशेष आयोजन करते हैं। श्री कृष्ण के भक्त इस दिन का बेसब्री से इंतजार करते हैं।
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