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कब से शुरू हो रहे श्राद्ध, कितने ब्राह्मणों को भोजन करवाना है आवश्यक

नई दिल्ली: हर साल पितृ पक्ष का समय पितरों को समर्पित होता है, जिसमें श्राद्ध और तर्पण जैसे धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं। पितृ पक्ष में दान का विशेष महत्व माना जाता है, खासकर जरूरतमंदों को भोजन कराने से पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस अवधि में पिंडदान, तर्पण और ब्राह्मण भोजन के साथ […]

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कब से शुरू हो रहे श्राद्ध,
  • September 16, 2024 5:47 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 months ago

नई दिल्ली: हर साल पितृ पक्ष का समय पितरों को समर्पित होता है, जिसमें श्राद्ध और तर्पण जैसे धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं। पितृ पक्ष में दान का विशेष महत्व माना जाता है, खासकर जरूरतमंदों को भोजन कराने से पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस अवधि में पिंडदान, तर्पण और ब्राह्मण भोजन के साथ अन्य धार्मिक कार्य भी किए जाते हैं। वहीं श्राद्ध से पूर्व यह जानना आवश्यक है कि श्राद्ध में कितने ब्राह्मणों को भोजन करवाना ज़रूरी होता है.

तिथि और समय

हिंदू पंचांग के अनुसार, पितृ पक्ष की शुरुआत हर साल भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि से होती है. वहीं यह आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि तक चलता है। इस साल पितृ पक्ष का आरंभ 18 सितंबर 2024 से हो रहा है और यह 2 अक्टूबर 2024 को समाप्त होगा। बता दें, भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि 17 सितंबर 2024 को सुबह 11 बजकर 44 मिनट से प्रारंभ होगी और इसका समापन 18 सितंबर की सुबह 8 बजकर 4 मिनट पर होगा। इसी दिन पूर्णिमा का श्राद्ध किया जाएगा। 18 सितंबर को प्रतिपदा तिथि का श्राद्ध है, जो पितृ पक्ष का आरंभ भी माना जाता है।

पितृ पक्ष के दौरान श्राद्ध करने के लिए हिंदू धर्म में कुतुप और रौहिण मुहूर्त को अत्यधिक शुभ माना जाता है। इस साल कुतुप मुहूर्त 18 सितंबर को 11:51 से 12:40 तक रहेगा, जबकि रौहिण मुहूर्त 12:40 से 13:29 तक रहेगा। अपराह्न काल भी श्राद्ध के लिए उपयुक्त समय होता है, जो 13:29 से 15:56 तक रहेगा।

जमाई और भांजे को भोजन करवाएं

श्राद्ध की प्रमुख तिथियों की बात करें तो, पितृ पक्ष की शुरुआत 17 सितंबर 2024 को पूर्णिमा श्राद्ध से होगी, जबकि प्रतिपदा तिथि का श्राद्ध 18 सितंबर को पड़ेगा। इसके बाद क्रमशः द्वितीया का श्राद्ध 19 सितंबर, तृतीया का 20 सितंबर और चतुर्थी का श्राद्ध 21 सितंबर को किया जाएगा। 2 अक्टूबर 2024 को सर्व पितृ अमावस्या के दिन पितृ पक्ष समाप्त होगा, जब समस्त पितरों के लिए श्राद्ध संपन्न किया जाएगा। वहीं ऐसा माना जाता है कि श्राद्ध में कम आयु के ब्राह्मण बालक जिनकी संख्या एक से लेकर 11 तक हो सकती है. उन्हें भोजन करवाया जाना चाहिए। इसके अलावा ऐसा भी कहा जाता है कि जमाई और भांजे को भोजन करवाना 100 ब्राह्मणों को भोजन कराने के समान है.

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