Inkhabar logo
Google News
कब है काली चौदस, आखिर क्यों मनाई जाती है काली चौदस, जानिए इसकी पूजा विधि और महत्व

कब है काली चौदस, आखिर क्यों मनाई जाती है काली चौदस, जानिए इसकी पूजा विधि और महत्व

नई दिल्ली: काली चौदस का पर्व हिंदू धर्म में खास महत्व रखता है। यह पर्व हर साल दिवाली के एक दिन पहले आता है और इसे नरक चतुर्दशी या रूप चौदस के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन की मान्यता के अनुसार, व्यक्ति अपनी नकारात्मकता को त्याग कर आत्मा और शरीर को शुद्ध करता है और बुराइयों से मुक्ति पाने के लिए भगवान से प्रार्थना करता है। यह त्योहार विशेष रूप से देवी काली और यमराज की पूजा के लिए समर्पित है।

काली चौदस तिथि और शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह की अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर को दोपहर 03 बजकर 52 मिनट पर शुरू होगी। जो 01 नवंबर को शाम में 06 बजकर 16 मिनट पर अमावस्या तिथि का समापन होगा। मां काली की पूजा निशिता काल में होती है। ऐसे में काली चौदस 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी।

काली चौदस का महत्व

काली चौदस को बुरी शक्तियों से बचाव और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति का पर्व माना जाता है। पौराणिक मान्यता है कि इस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर नामक असुर का वध कर लोगों को अत्याचारों से मुक्त कराया था। इस उपलक्ष्य में काली चौदस मनाई जाती है, और इसे बुरी शक्तियों पर अच्छाई की विजय के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। साथ ही, यह दिन देवी काली की आराधना के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे सभी नकारात्मकता और असुरता का अंत करने का प्रतीक मानी जाती हैं।

पूजा विधि

1. प्रातः स्नान: इस दिन सूर्योदय से पहले स्नान करना शुभ माना जाता है। विशेष रूप से तेल मालिश कर स्नान करने से शरीर की शुद्धि होती है, जिसे रूप चौदस भी कहा जाता है।

2. दीप जलाना: शाम के समय घर के मुख्य द्वार और अन्य स्थानों पर दीप जलाना चाहिए। यह माना जाता है कि इससे बुरी आत्माएं और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।

3. देवी काली की पूजा: देवी काली की मूर्ति या चित्र के सामने दीप जलाकर, धूप और फूल चढ़ाएं। इसके बाद देवी के मंत्रों का जाप करें और उनसे बुरी शक्तियों से रक्षा की प्रार्थना करें।

4. भोजन में प्रसाद: पूजा के बाद प्रसाद के रूप में हलवा, पूड़ी या अन्य मिठाइयां देवी को अर्पित की जाती हैं।

धार्मिक मान्यताएं और सावधानियां

काली चौदस के दिन कई लोग तांत्रिक क्रियाएं भी करते हैं, लेकिन धर्म शास्त्रों के अनुसार इसे सही नहीं माना जाता। इस दिन का उद्देश्य आत्मशुद्धि और नकारात्मक ऊर्जा से दूर रहना है। लोग अपने घरों को साफ-सुथरा रखते हैं और शाम को विशेष पूजा कर बुरी शक्तियों से मुक्ति की कामना करते हैं।

Also Read…

Video: असली नागिन निकली महिला, काले नाग को जीभ से चाटकर लोगों को किया हैरान, देखें वीडियो

इस धनतेरस घर में जरूर लाएं ये चीजें, मां लक्ष्मी की कृपा से आर्थिक तंगी हो जाएगी दूर, होगी अपार धन की वर्षा

Tags

celebratedhindi newsimportanceinkhabarKali ChaudasToday Newsworship method
विज्ञापन