When is Hariyali Teej 2019: सावन महीने में पड़ने वाली हरियाली तीज इस बार 3 अगस्त 2019 को पड़ रही है. हरियाली तीज के शुभ मुहूर्त के अनुसार ही महिलाएं व्रत व पूजा करें. इस दिन भोलेनाथ और मां पार्वती की पूजा करें. . हरियाली तीज के अवसर पर देशभर में कई जगह मेले लगते हैं और इसके अलावा माता पार्वती की सवारी धूम-धाम से निकाली जाती है.
नई दिल्ली. श्रावण के महीने शुक्ल पक्ष की तृतीय तिथि को हरियाली तीज मनाया जाता है. हरियाली तीज को श्रावणी तीज भी कहा जाता है. यह त्यौहार मुख्य रूप से उत्तर भारत में मनाया जाता है. हरियाली तीज सुहागन महिलाओं के लिए पर्व बहुत मायने रखता है. हरियाली तीज के अवसर पर देशभर में कई जगह मेले लगते हैं और माता पार्वती की सवारी धूम-धाम से निकाली जाती है. इस अवसर पर महिलाएं व्रत रखती हैं झूला झूलती हैं, गाना गाती हैं और खुशियां मनाती हैं. हरियाली तीज सावन में आती है और इस साल यह 3 अगस्त 2019 को हरियाली तीज पड़ रही है.
हरियाली तीज को भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. मानयता है कि माता प्र्वती ने भगवान शिव को पार्वती के रूप में प्राप्त किया था. कहा जाता है कि श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की तृतीय को ही भगवान शिव ने माता पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया था. तभी से भगवान शिव और माता पार्वती ने इस दिन को सुहागन स्त्रियों के लिए सौभाग्य का दिन होने का वरदान दिया था. इसलिए हरियाली तीज पर भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन और व्रत करने से विवाहिता के घर परिवार में सुख और स्मृध्दि आती है.
हरियाली तीज 2019 का शुभ मुहूर्त: Hariyali Teej Puja Subh Muhurat
हरियाली तीज शुक्ल पक्ष की तृतीय तिथि को मनाई जाती है. इस बार हरियाली तीज 3 अगस्त 2019 , शनिवार को पड़ रही है. इसका शुभ मुहूर्त शनिवार 3 अगस्त को 01:36 बजे से शुरू होकर 22:05 पर खत्म हो जाएगा. महिलाएं इसी समय पूजा अर्चना करें और भोलेनाथ व पार्वती की पूजा करें. इस दिन महिलाएं अपने व्रत को हरियाली तीज के शुभ महुर्त के अनुरूप खोलें.
हरियाली तीज 2019 का पूजा विधि: Hariyali Teej Puja Vidhi
इस दिन सबसे पहले साफ-सफाई करके सजाएं. एक चौकी पर मिट्टी में गंगाजल मिलाकर शिवलिंग, भगवान गणेश, माता पार्वती और उनकी सखियों की प्रतिमा बनायें. इसके बाद देवताओं का आह्वान करते हुए षोडशोपचार पूजन करें. हरियाली तीज व्रत का पूजन रातभर चलता है। इस दौरान महिलाएं जागरण और कीर्तन भी करती हैं.
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