When is Eid al-Fitr 2019: इस्लाम के पवित्र महीने रमजान 2019 के पूरे होने के बाद दुनियाभर में ईद उल फितर का त्योहार मनाया जाएगा. ईद के दिन मुस्लिम समुदाय के लोग सुबह नमाज अदा करते हैं और एक दूसरे को मीठा खिलाकर रोजों के खत्म होने का जश्न मनाते हैं. भारत में साल 2019 में ईद 4 जून को मनाई जाएगी.
नई दिल्ली. इस्लाम के नौंवे महीने पवित्र रमजान महीने के पूरा होने के बाद दुनिया भर में ईद उल फितर का त्योहार मनाया जाएगा, जिसे प्यार से लोग मीठी ईद कहकर भी संबोधित करते हैं. ईद के दिन सुबह नमाज पढ़कर मुस्लिम लोग एक दूसरे से मुलाकात करते हैं और खुशी में सेवईं खाते हैं. ईद के दिन बच्चों का उत्साह काफी ज्यादा रहता है. नए कपड़ें पहनकर बच्चे घर-घर जाकर लजीज व्यंजनों का आनंद लेते हैं. इस साल भारत में 4 जून को ईद का त्योहार मनाया जाएगा. हालांकि, चांद की वजह से समय 1 दिन आगे पीछे हो सकता है.
जानिए क्या है ईद का इतिहास
रमजान के 29वें या 30वें दिन की शाम चांद देखने के अगले दिन इस्लाम के 10वें महीने चांद की पहली तारीख को ईद उल फितर का त्योहार मनाया जाता है. सबसे पहले समझिए की इस्लामी साल में दो बार ईद का त्योहार मनाया जाता है जिसमें एक को ईद उल फितर यानी मीठी ईद और दूसरे को इद उल जुहा यानी बकरीद कहा जाता है. ईद उल फितर का एतिहासिक महत्व भी खास है. मान्यता है कि पैगम्बर मोहम्मद ने सन 624 ईसवी में जंग ए बदर के बाद इसकी शुरुआत की थी. जिसके बाद से ईद उल फितर का त्योहार मनाया जाता है.
ईद से पहले रमजान के महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग पूरे दिन बिन खाए-पिए कठोर उपवास( रोजा) करते हैं. रमजान के पाक महीने दान का काफी विशेष महत्व दिया जाता है. इस महीने दान का भी काफी खास महत्व माना गया है. ईद के दिन भी नमाज से पहले हर एक मुस्लिम समुदाय के लोगों का फर्ज माना जाता है कि वे दान करें. इस दान को जकात या फितरा भी कहा जाता है जो किसी भी गरीब को दिया जा सकता है. हालांकि उस गरीब का पेशा ही भीख मांगना न हो. सीधा समझें तो जकात और फितरे का पैसा जरूरतमंद लोगों का दिया जाता है.
ईद से कुछ दिनों पहले आने वाले अलविदा जुम्मा का भी काफी खास महत्व बताया गया है. रमजान के आखिरी शुक्रवार को अलविदा जुम्मा कहा जाता है. इस दिन भी ईद की तरह ही अधिकतर मुस्लिम लोग नए या साफ सुथरे कपड़े पहनकर जुम्मे की नमाज अदा करते हैं और शाम को इफ्तार करते हैं.