November 9, 2024
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द्रौपदी की सुंदरता का रहस्य क्या था, क्यों थी पांचों पांडवों की प्रिय?

द्रौपदी की सुंदरता का रहस्य क्या था, क्यों थी पांचों पांडवों की प्रिय?

  • WRITTEN BY: Anjali Singh
  • LAST UPDATED : September 14, 2024, 10:01 pm IST
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नई दिल्ली: महाभारत में द्रौपदी को एक अनोखी और रहस्यमयी सुंदरता का प्रतीक माना जाता है। राजा द्रुपद की बेटी द्रौपदी का विवाह पांचों पांडवों से हुआ था—युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल और सहदेव। हालांकि सभी पांडवों के अन्य विवाह भी हुए थे, फिर भी द्रौपदी का स्थान उनके दिलों में सबसे खास था। यह कहा जाता है कि द्रौपदी की सुंदरता और उसकी देह से निकलने वाली विशेष सुगंध ने उसे सभी पांडवों का प्रिय बना दिया था।

आइए जानते हैं, आखिर क्या था द्रौपदी की सुंदरता का रहस्य।

यज्ञ से हुआ था द्रौपदी का जन्म

द्रौपदी का जन्म एक विशेष यज्ञ से हुआ था, इसलिए उनका मूल नाम याज्ञसेनी था। वह जन्म से ही अत्यंत सुंदर और आकर्षक थीं। द्रौपदी का दूसरा नाम कृष्णा था, क्योंकि उनकी त्वचा सांवली थी। उनका सांवला रंग भी उनकी अद्वितीय सुंदरता का हिस्सा था।

द्रौपदी के शरीर से निकलती थी सुगंध

द्रौपदी की सुंदरता का सबसे बड़ा रहस्य था उनके शरीर से निकलने वाली मादक सुगंध। यह सुगंध हमेशा उनके साथ रहती थी और जो भी उनके पास आता, वह इस सुगंध से मंत्रमुग्ध हो जाता। यही कारण था कि पांचों पांडव उनके प्रति विशेष लगाव रखते थे।

मांसपेशियां बदलती थीं रूप

द्रौपदी की मांसपेशियां एक और रहस्य थीं। आमतौर पर उनकी मांसपेशियां मृदु और कोमल थीं, लेकिन जब वह क्रोधित होतीं या युद्ध का समय होता, तो उनकी मांसपेशियां कठोर और विस्तृत हो जाती थीं। उनका लावण्यमय शरीर युद्ध के समय अत्यंत ताकतवर और दृढ़ दिखाई देता था।

पुनः कौमार्य प्राप्त करने की शक्ति

कहा जाता है कि द्रौपदी के पास एक अनोखी शक्ति थी जिससे वह पुनः कौमार्य प्राप्त कर सकती थीं। जब वह एक पति से दूसरे पति के पास जातीं, तो यह शक्ति उन्हें एक नया रूप देती थी। शायद इसी कारण द्रौपदी को पंचकन्या में स्थान मिला है, जो विशेष गुणों वाली पवित्र नारियों में से एक मानी जाती हैं।

द्रौपदी न केवल अपनी अनोखी सुंदरता और सुगंध के लिए प्रसिद्ध थीं, बल्कि उनकी आंतरिक शक्ति और गुण भी उन्हें विशेष बनाते थे। उनका जन्म, उनका रूप, और उनकी शक्तियां महाभारत की सबसे रहस्यमयी और प्रेरणादायक कहानियों में से एक हैं।

 

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